जेटली ने साधा निशाना जेटली ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि लोकसभा में समर्थन किया जाता है जबकि राज्यसभा में विरोध । ऐसा क्यों हो रहा है। जेटली ने कहा कि तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने भी असंवैधानिक माना है। सरकार बिल को सिलेक्ट कमेटी में भेजने के खिलाफ है।
कांग्रेस ने रखा संशोधन का प्रस्ताव वहीं राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने संशोधन का प्रस्ताव रखते हुए बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की। उन्होंने सेलेक्ट कमेटी के लिए उपसभापति को विपक्षी पार्टियों के नाम भी दिए। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा महिलाओं का सम्मान करती है। अगर सरकार को इतनी ही चिंता है तो महिला आरक्षण बिल क्यों नहीं लाती। उन्होंने कहा कि बिल में जो खामियां है उसे खत्म करनी चाहिए शर्मा ने कहा कि सरकार पहले संशोधनों को स्वीकार करे और फिर बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजे गौरतलब है कि सपा, वामदल, बीजेडी, एआईडीएमके, द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस ने बिल के मौजूदा स्वरूप का विरोध करते हुए इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की।
कई दल संशोधन पर अड़े
राज्यसभा में माकपा, भाकपा, एसपी, बीजेडी, एआईडीएमके और द्रमुक बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की है। सपा रामगोपाल यादव ने कहा है कि वो बिल को लेकर राज्यसभा में संशोधन पेश करेगी और वो बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने के पक्ष में है। भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि बिल में कई विवादित प्रावधान है। इसलिए बिल को सेलेक्ट में भेजा जाएं।
राज्यसभा का अंक गणित
245 सदस्यीय राज्यसभा में सत्तारूढ़ एनडीए के 88 सांसद (बीजेपी के 57 सांसद समेत) है। कांग्रेस के 57, सपा के 18, बीजेडी के 8 सांसद, एआईडीएमके के 13, तृणमूल कांग्रेस के 12 और एनसीपी के 5 सांसद हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को भी विपक्ष के सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी।
245 सदस्यीय राज्यसभा में सत्तारूढ़ एनडीए के 88 सांसद (बीजेपी के 57 सांसद समेत) है। कांग्रेस के 57, सपा के 18, बीजेडी के 8 सांसद, एआईडीएमके के 13, तृणमूल कांग्रेस के 12 और एनसीपी के 5 सांसद हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को भी विपक्ष के सांसदों के समर्थन की जरूरत होगी।