राजनीति

तीन तलाक: राज्यसभा में बढ़ सकती है सरकार की मुश्किल, रविशंकर बोले- सभी से सहयोग की उम्मीद

लोकसभा में बेशक तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाने वाले कानून को मंजूरी मिल गई है लेकिन राज्यसभा मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Dec 28, 2018 / 05:31 pm

Chandra Prakash

तीन तलाक: राज्यसभा में बढ़ सकती है सरकार की मुश्किल, रविशंकर बोले- सभी से सहयोग की उम्मीद

नई दिल्ली। लोकसभा में तलाक-ए-बिद्दत यानि तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाने, ऐसा करने पर तीन साल की कैद और जुर्माने के प्रावधान वाला मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018 पारित कर दिया है। अब सरकार की मुश्किलें राज्यसभा में बढ़ने वाली हैं। बिल के उच्च सदन में जाने से पहले केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मामले में राजनीति नहीं करने की अपील की है।

‘बिल पास कराने के लिए सभी दलों से सहयोग की उम्मीद’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। उम्मीद है कि इसे राज्यसभा में पारित करने के लिए सभी दलों का सहयोग मिलेगा। शुक्रवार को प्रसान ने कहा कि तीन तलाक से संबंधित विधेयक का राजनीतिक विरोध हो रहा है जबकि यह महिलाओं को न्याय दिलाने का विधेयक है। उन्होंने कहा कि इस पर वोट की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

किसी दल ने नहीं किया तीन तलाक का समर्थन

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक बिल को मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के तौर पर देखा जाना चाहिए। वहीं विरोधी दल के नेताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी तुलना अन्य धर्मों से नहीं की जा सकती, क्योंकि अन्य धर्मों में तीन तलाक जैसी प्रथा नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकसभा में भी किसी भी दल ने तीन तलाक प्रथा का समर्थन नहीं किया है और इसे गलत ही बताया है।

तीन तलाक बिल में क्या

तीन तलाक के अंतर्गत तत्काल तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाया गया है, जिसके तहत जुर्माने के साथ तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है। यह अपराध तब संज्ञेय होगा जब विवाहित मुस्लिम महिला या फिर उसका करीबी रिश्तेदार उस व्यक्ति के खिलाफ सूचना देगा, जिसने तत्काल तीन तलाक दिया है। प्रस्तावित कानून जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा।

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