उधर हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज रफाल विवाद के मुद्दे पर दोपहर दो बजे लोकसभा में बोलेंगे। बता दें कि कांग्रेस राफेल विवाद पर JPC जांच पर अड़ी हुई है।
तीन तलाक बिलः शिवसेना ने पहले की विधेयक की सराहना फिर याद दिलाया राम मंदिर निर्माण मुद्दा बिल संयुक्त प्रवर समिति को भेजने की मांग पर अड़ा विपक्ष सोमवार को संशोधित तीन तलाक विधेयक पर सोमवार को राज्यसभा में चर्चा शुरू नहीं हो सकी। क्योंकि विपक्ष इसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग पर अड़ा रहा। सत्तापक्ष के लोगों ने कहा कि विधेयक को पारित होने से रोकने के लिए जानबूझकर देरी की जा रही है। इस दौरान सदन में विपक्ष और सरकार के बीच गरमागर्म बहस देखने को मिली, जिसके चलते उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को मजबूरन दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर राजनीति करने के आरोप लगाए। संदन में विपक्ष के सदस्यों ने खड़े होकर इसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग की। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार 1993 से विधायी जांच के लिए स्थायी समिति के पास महत्वपूर्ण विधेयक भेजने की प्रथा की अवहेलना कर रही है। उन्होंने कहा, “चूंकि सरकार इस तरह के विधेयक स्थायी समिति को नहीं भेजती है, इसलिए राज्यसभा में विपक्ष इसे प्रवर समिति के पास भेजने को लेकर लड़ने के लिए मजबूर है।” वहीं संसदीय मामलों के मंत्री विजय गोयल ने कहा कि विपक्ष विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग कर इसके पारित होने में देरी कर रहा है।
ट्रिपल तलाक: राज्यसभा में विपक्ष की नई चाल, बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे सरकारसरकार के सामने बिल पास कराने की चुनौतीसरकार के सामने चुनौती है कि तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास कराए। राज्यसभा में विपक्ष के पास बहुमत है यही कारण है कि मोदी सरकार के लिए यहां बड़ी मुश्किल है। ऐसा इसलिए कि राज्यसभा में संख्या की बात की जाए तो इस समय कुल सदस्यों की संख्या 244 है, जिसमें चार सदस्य नामित हैं। भारतीय जनता पार्टी की ताकत बढ़ी है, लेकिन वो इतनी नहीं हुई कि बिना विपक्ष के सहयोग से कोई बिल पास कराया जा सके। एनडीए के पास 97 सदस्य हैं, जिसमें भाजपा के 73, जेडीयू के 6, निर्दलीय 5, शिवसेना के 3, अकाली दल के 3, नामित सदस्य 3, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, नागा पीपल्स फ्रंट और आरपीआई का 1-1 सांसद शामिल हैं। विपक्ष का पलड़ा संख्या बल के मामले में सरकार पर भारी है। मौजूदा परिस्थिति में विपक्ष के पास 115 सांसद हैं जिसमें कांग्रेस के 50, टीएमसी के 13, समाजवादी पार्टी के 13, टीडीपी के 6, आरजेडी के 5, सीपीएम के 5, डीएमके के 4, बीएसपी के 4, एनसीपी के 4, आम आदमी पार्टी के 3, सीपीआई के 2, जेडीएस, केरल कांग्रेस (मनी), आईएनएलडी, आईयूएमएल, निर्दलीय और 1-1 नामित सदस्य शामिल हैं।