प्रदेश के लिए भाजपा गठबंधन खतरनाक
सीएम ने आरोप लगाया है कि भाजपा पूरे देश के अंदर अशांति फैला रही है। उन्होंने कहा भाजपा गठबंधन खतरनाक है। भाजपा त्रिपुरा में सत्ता तक पहुंचने के लिए आईपीएफटी को समर्थन दे रही है जो त्रिपुरा के विभाजन की मांग कर रही है। यह त्रिपुरा को इतिहास से मिटाने की एक साजिश है। चार साल पहले भाजपा सत्ता में जनता के बीच अच्छे दिन के वादों के साथ आई थी लेकिन अब तक किसी वादे को पूरा नहीं किया। सरकार ने कहा कि पूरे विश्व की तुलना में देश के अंदर महंगाई दर और पेट्रोल की कीमतें सबसे ज्यादा हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कॉरपोरेट सेक्टर से पैसे लिए थे। इसलिए सामाजिक और सार्वजनिक क्षेत्र में लाभ पहुंचाने को रोककर कॉरपोरेट को फायदा पहुंचा रही है। वह 2019 में भी इसे दोहराएगी।
सीएम ने आरोप लगाया है कि भाजपा पूरे देश के अंदर अशांति फैला रही है। उन्होंने कहा भाजपा गठबंधन खतरनाक है। भाजपा त्रिपुरा में सत्ता तक पहुंचने के लिए आईपीएफटी को समर्थन दे रही है जो त्रिपुरा के विभाजन की मांग कर रही है। यह त्रिपुरा को इतिहास से मिटाने की एक साजिश है। चार साल पहले भाजपा सत्ता में जनता के बीच अच्छे दिन के वादों के साथ आई थी लेकिन अब तक किसी वादे को पूरा नहीं किया। सरकार ने कहा कि पूरे विश्व की तुलना में देश के अंदर महंगाई दर और पेट्रोल की कीमतें सबसे ज्यादा हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कॉरपोरेट सेक्टर से पैसे लिए थे। इसलिए सामाजिक और सार्वजनिक क्षेत्र में लाभ पहुंचाने को रोककर कॉरपोरेट को फायदा पहुंचा रही है। वह 2019 में भी इसे दोहराएगी।
योगी ने की, विकास के लिए वामर्मोर्चे को सत्ता से हटाने की अपील
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली में कहा कि पीएम मोदी की लोकप्रियता, विकास और अच्छे शासन जैसे मजबूत पक्ष के कारण त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ वाममोर्चे को सत्ता से हटा देगी। सातवें वेतन आयोग के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार अपने 14 लाख कर्मियों को ज्यादा वेतन देती है लेकिन त्रिपुरा की सरकार अभी तक ये नहीं कर सकी। योगी ने उत्तरी त्रिपुरा में चार जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। पार्टी के पक्ष में उनका चुनाव प्रचार अभियान जारी है। आपको बता दूं कि गुजरात के तर्ज पर त्रिपुरा में भी पार्टी योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का लाभ उठाना चाहती है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली में कहा कि पीएम मोदी की लोकप्रियता, विकास और अच्छे शासन जैसे मजबूत पक्ष के कारण त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ वाममोर्चे को सत्ता से हटा देगी। सातवें वेतन आयोग के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार अपने 14 लाख कर्मियों को ज्यादा वेतन देती है लेकिन त्रिपुरा की सरकार अभी तक ये नहीं कर सकी। योगी ने उत्तरी त्रिपुरा में चार जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। पार्टी के पक्ष में उनका चुनाव प्रचार अभियान जारी है। आपको बता दूं कि गुजरात के तर्ज पर त्रिपुरा में भी पार्टी योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का लाभ उठाना चाहती है।
एंटी इनकम्बेंसी का डर
आपको बता दूं कि त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी को चुनाव होने वाला है। विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन माकपा नीत वाम मोर्चा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन कर उभरा है। राज्य में वाम मोर्चा का पिछले 25 साल से शासन है। इस बार सत्ताधारी पार्टी को एंटी इनकम्बेंसी का डर सता रहा है।
आपको बता दूं कि त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी को चुनाव होने वाला है। विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन माकपा नीत वाम मोर्चा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन कर उभरा है। राज्य में वाम मोर्चा का पिछले 25 साल से शासन है। इस बार सत्ताधारी पार्टी को एंटी इनकम्बेंसी का डर सता रहा है।