दरअसल राजद के इस लेख को एक टिप्पणी के साथ शेयर किया गया है। इसमें लालू ने लिखा ‘मैं इनके (भाजपा) दुष्प्रचार, लालच, प्रतिशोध, प्रताड़ना और किसी प्रकार की ब्लैकमेलिंग से नहीं डरता क्योंकि इनकी जातिवादी, नफरतवादी, संविधान व इंसान विरोधी जहरीली राजनीति का सबसे मुखर विरोधी हूं, सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता चाहे फांसी क्यों न हो जाए।
अब लालू ऐसे तेवर का जवाब देने के लिए सुशील मोदी ने मोर्चा संभाला। मोदी ने जवाबी हमला करते हुए ट्वीट किया और लिखा कि पिछले 30 साल से लालू संघ परिवार और भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार कर अल्पसंख्यकों के वोट लेते रहे। लालच इतना कूट-कूट कर भरा है कि चारा घोटाला से लेकर होटल घोटाला तक में नाम आया। किस सिद्धांत की वह बात कर रहे हैं।
मोदी ने लिखा कि उनके राज में सैकड़ों लोग मारे गए और ब्लैकमेलिंग के बल पर बिहार में अपहरण उद्योग पनपा। जेपी, लोहिया के सिद्धांतों को छोड़ कर स्वार्थों से समझौता करते समय तो उन्होंने फांसी पर चढ़ने की नहीं सोची। मोदी के इस ट्वीट ने दोनों दलों के बीच घमासान बढ़ा दिया है। आपको बता दें लालू प्रसाद यादव इन दिनों रिम्म में करीब 15 बीमारियों से जूझ रहे हैं।
डॉक्टरों ने लालू यादव को कई बीमारियों के चलते किसी भी तरह का तनाव न लेने की सलाह भी दी है। खास तौर पर राजनीति और पारिवारिक तनावों के कारण लगातार लालू प्रसाद यादव की तबीयत बिगड़ रही है। डॉक्टरों ने कहा कि हालात ऐसे ही रहे तो जल्द ही उन्हें इलाज के लिए विदेश भी भेजना पड़ सकता है।