बता दें कि पार्टी में वापसी करने वालों में वे लोग भी शामिल हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव तक लड़े थे। पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते भाजपा ने भले ही देवभूमि पर प्रचंड़ बहुमत हासिल किया। हालांकि कई भाजपा कार्यकर्ता टिकट न मिलने से खासे नाराज थे। इस क्रम में पार्टी ने ज्यादातर को तो मना लिया था, लेकिन कई नेताओं ने विभिन्न सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों के ही खिलाफ चुनाव लड़ा। इसके बाद भाजपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकाल दिया था।
पार्टी की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद से ज्यादातर कार्यकर्ता मुख्यधारा में शामिल नहीं हो पा रहे थे। उत्तराखंड में पहले चरण में 11 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के चलते भाजपा को भी जनाधार में बढ़ोत्तरी करनी है। इसके चलते हाल ही में हुई पार्टी की बैठक में जनाधार रखने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी में वापसी कराने का निर्णय लिया गया।