Maharashtra: एक दिन में Uddhav Govt को कोर्ट से दो झटके, जानें किन मामलों में अदालत हुई सख्त
- Maharashtra शुक्रवार का दिन Uddhav Govt को बड़ा भारी
- कोर्ट ने दो मामलों में दिया बड़ा झटका
- कंगना रनौत और अर्नब केस में अदालत हुई सख्त

नई दिल्ली। महाराष्ट्र ( Maharashtra ) की उद्धव सरकार ( Uddhav Govt ) के लिए शुक्रवार को दिन कुछ अच्छा साबित नहीं हुई। अदालत से दो मामलों में उद्धव सरकार को बड़ा झटका लगा है। आपको बता दें कि इन दोनों ही मामलों के चलते पिछले कुछ दिनों से उद्धव सरकार सुर्खियों में बनी हुई थी। एक मामला बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर को बीएमसी की ओर से तोड़ने का था तो दूसरा मामला पुराने सुसाइड केस में अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी।
हालांकि सीधे तौर पर ये मामले उद्धव सरकार से जुड़े नहीं है, लेकिन इन दोनों ही केस में उद्धव सरकार के खिलाफ बयान बाजी के बाद इसे सरकार की ओर से की गई कार्रवाई बताया था। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला
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Bombay HC sets aside BMC notices to Kangana Ranaut issued on 7th & 9th Sept, calls demolition at her place as action with malafide intent. HC has also orders that a valuer will be appointed to ascertain damages caused due to demolition.
— ANI (@ANI) November 27, 2020
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पहला मामला
सबसे पहले बात करते हैं कंगना रनौत के दफ्तर मामले की। दरअसल सितंबर में अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई दफ्तर के एक हिस्से को गिराने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को फटकर लगाई है। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि बीएमसी कंगना को उनके नुकसान का मुआवजा दे। कंगना ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। फैसवे पर ट्वीट कर कंगना ने कहा है कि ये उनकी निजी जीत नहीं है बल्कि लोकतंत्र की जीत है।
आपको बता दें कि शिवसेना और उद्धव सरकार के खिलाफ कंगना रनौत ने आवाज बुलंद की थी। मुंबई पुलिस पर विवादित बयान के बाद महाराष्ट्र सरकार और कंगना के बीच जुबानी जंग तेज हो गई थी।
इसी बीच बीएमसी ने कंगना के दफ्तर को लेकर कार्रवाई की, जिसे उद्धव सरकार के इशारे पर की गई कार्रवाई बताया गया था। अब इस मामले में बॉम्बे हाइकोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाकर उद्धव सरकार को झटका दिया है।
SC passes order giving detailed reasons for interim bail granted to Republic TV editor-in-chief Arnab Goswami on Nov 11 in the abetment to suicide case, and says that prima facie evaluation of FIR lodged by Maharashtra police doesn't establish the charge against him
— ANI (@ANI) November 27, 2020
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दूसरा मामला
निजी चैनल के एडिटर अर्नब गोस्वामी पिछले कुछ समय से लगातार महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के खिलाफ खबरें प्रसारित कर रहे थे। इन्हीं खबरों के चलते उनका विवाद महाराष्ट्र सरकार से काफी बढ़ गया। इस बीच मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वमी को आत्महत्या से जुड़े एक केस में गिरफ्तार किया था। इसके बाद अर्नब बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई। फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी।
शुक्रवार को इस मामले में फिर से सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने अर्नब को जमानत देनी की वजहों को विस्तार से बताया। साथ ही हाईकोर्ट के जमानत नहीं देने के फैसले को गलती कहा।
एससी ने कहा कि, हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोपों की प्रकृति और उसके स्तर पर ध्यान नहीं दिया। जाहिर है हाईकोर्ट की गलती बताकर अप्रत्यक्ष रूप से सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भी महाराष्ट्र सरकार को बड़ा झटका दिया है।
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