इसरो ने दुनियाभर के भारतीयों से कहा- Thank You ! आगे बढ़ते रहेंगे एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे ने ये बयान वीर सावरकर के संदर्भ में दिया है। बता दें, मणिशंकर अय्यर कई बार वीर सावरकर को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कहा था कि जो लोग वीर सावरकर की विचारधारा को नहीं मानते हैं, उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा जाना चाहिए।
गौर हो, दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में वीर सावरकर की मूर्ति पर कालिख पोत दी गई थी। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा था कि महाराष्ट्र के सम्मानित शख्स सावरकर का अपमान करने वालों की सार्वजनिक पिटाई की जानी चाहिए। जो लोग सावरकर का सम्मान नहीं करते हैं, उनकी एक बार सार्वजनिक रूप से पिटाई की जानी चाहिए। उद्धव ने कहा था कि जिन्होंने सावरकर का अपमान किया, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हैं, उन्हें स्वतंत्रता का मूल्य नहीं समझ आएगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने PoK को बताया भारत का हिस्सा, कहा-जल्द होगा भौगोलिक रूप से शामिल बाल ठाकरे ने भी चलाया था ‘जूते मारो अभियान…’ बता दें, साल 2004 में भी मणिशंकर अय्यर ने एक स्वतंत्रता सेनानी का अपमान किया था। उस समय कांग्रेस सरकार ने अंडमान की सेल्युलर जेल में लगे वीर सावरकर के बयान वाली तख्तियां हटा दी थीं। तब तत्कालीन शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने ‘जूते मारो अभियान’ चलाया था। बता दें, शिवसेना सावरकर के प्रति बेहद संवेदनशील और भावनात्मक है।
इसी तरह 2018 में भी मणिशंकर अय्यर के वीर सावरकर पर दिए एक बयान पर काफी बवाल हुआ था। यहां तक कि उनके बयान पर उनकी पार्टी कांग्रेस ने भी दूरी बना ली थी।
उस वक्त मणिशंकर अय्यर ने सावरकर के बारे में कहा था कि- 1923 में एक शख्स ने (जिसे वीडी सावरकर कहते थे) ऐसे शब्द की खोज की जो किसी भी धार्मिक ग्रंथ में मौजूद नहीं है- ‘हिन्दुत्व’। इस प्रकार से दो देशों के सिद्धांत का पहला समर्थक, उनका वैचारिक गुरु है जो इस समय भारत में सत्ता में हैं। अय्यर ने ये बातें लाहौर में एक कार्यक्रम में कही थीं।