उन्होंने कहा, इस डायरेक्टर (भंसाली) की पहले भी कई फिल्में देखी हैं। वह सोचने की आजादी का सम्मान करती हैं मगर अभिव्यक्ति में कहीं तो सीमा होती है। बहन को पत्नी और पत्नी को बहन अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता। इसकी संभावना जानवरों में तो हो सकती है लेकिन स्वतंत्र चेतना के दुनिया के किसी भी देश के किसी भी समाज के लोग इस मर्यादा के उल्लंघन की निंदा ही करेंगे। उमा भारती ने ट्वीटर पर खुले पत्र में अपने विचारों को जाहिर किया है। यह फिल्म एक दिसंबर को रिलीज हो रही है।
खास बात यह है कि सूचना व प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी कुछ समय पहले फिल्म की रिजीज में अड़चनों को दूर करने की बात कर चुकी हैं। मगर अब उमा भारती के खुल कर सामने आने के बाद विवाद बढ़ गया है। उमा भारती कहती है, ‘मैंने तो फिल्म देखी नहीं हैं, किंतु लोगों के मन में आशंकाओं का जन्म क्यों हो रहा है। इन आशंकाओं का लुत्फ मत उठाइए, न इससे कोई वोट बैंक बनाइए। कोई रास्ता यदि हो सकता है। जरूरी नहीं कि मैंने जो सुझाया है। वही हो। वो रास्ता निकालकर बात समाप्त कर दीजिए।’
उमा ने कहा, ‘खिलजी ने पद्मावती के लिए चित्तौड़ को नष्ट कर दिया। रानी के पति राणा रतन सिंह अपने साथियों के साथ वीरगति को प्राप्त हुए। स्वयं रानी पद्मावती ने हजारों उन स्त्रियों के साथ, जिनके पति वीरगति की प्राप्त हो गए थे। जीवित ही स्वयं को आग के हवाले कर जौहर कर लिया था। हमने इतिहास में यही पढ़ा है और आज भी खिलजी से नफरत और पद्मावती के लिए सम्मान और उनके दुखद अंत के लिए वेदना होती है।