ताजा जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मांगी थी। हालांकि देर रात यूपी सरकार ने धारा 144 लागू होने के चलते उनके आवेदन को खारिज कर दिया।
प्रतिनिधिमंडल में राजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के भी शामिल होने की जानकारी थी। कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी के नेतृत्व वाला प्रतिनिधमंडल बुधवार दोपहर 12 बजे लखनऊ पहुंचेगा।
हालांकि, इससे पहले शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी मंगलवार शाम को दिल्ली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की। राहुल संग बैठक के बाद राउत ने कहा था कि विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर खीरी भेजे जाने पर विचार मंथन चल रहा है।
जबकि, कांग्रेस की ओर से पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी, राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा उत्तर प्रदेश में पहले से मौजूद हैं और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लखनऊ हवाई अड्डे पर आगे जाने की इजाजत ना मिलने के बाद धरना देने के बाद वापस अपने राज्य लौट गए।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया। उनके लिए सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में अस्थायी जेल बना दी गई है। प्रियंका गांधी के साथ हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने धारा 151, 107, 116 के तहत मामला दर्ज किया है।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद संजय राउत ने बताया, “प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अगर सभी के लिए कानून एक है, तो फिर क्यों प्रियंका गांधी जेल में क्यों हैं और अन्य मंत्री आजाद क्यों घूम रहे हैं?” उन्होंने आगे कहा, “लखीमपुर खीरी में विपक्षी नेताओं को किसानों से मिलने से रोका जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकार के दमन के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होकर कदम उठाने की जरूरत है।”
बता दें कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में 8 लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। इनमें किसान भी शामिल हैं। उस दिन उत्तर प्रदेश के डिप्टी-सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखीमपुर जा रहे थे।
इसके खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान हिंसा हो गई और इसके लिए केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और किसानों के प्रदर्शन में शामिल उपद्रवी तत्वों पर आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है और हिंसा के बाद पूरे इलाके में धारा-144 लागू कर करने के साथ इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी गई है।