शहर के स्लम एरिया में लोगों को चिकित्सा प्रदान करने एनएचएम द्वारा नई बस्ती मंगल भवन में 2014 में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया। निर्देशों के मुताबिक केंद्र में ओपीडी का संचालन रोजाना दोपहर 12 से शाम 6 बजे तक किया जाना है। केंद्र में पदस्थ स्टाफ को आउट रीच कैंप, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों (टीकाकरण, परिवार कल्याण सहित अन्य) का क्रियान्वयन, स्लम एरिया में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने सहित अन्य जिम्मेदारियां भी सौंपी गई थीं।
सबसे ज्यादा अपंजीकृत चिकित्सक नई बस्ती में
शहर के नई बस्ती क्षेत्र में सबसे ज्यादा अपंजीकृत और झोलाछाप चिकित्सक सक्रिय हैं। वे बिना डिग्री, डिप्लोमा इलाज कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। मामले की जानकारी स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों को भी है पर इन पर कार्रवाई करना तो दूर कभी सूची तक नहीं बनाई गई।
शहर के नई बस्ती क्षेत्र में सबसे ज्यादा अपंजीकृत और झोलाछाप चिकित्सक सक्रिय हैं। वे बिना डिग्री, डिप्लोमा इलाज कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। मामले की जानकारी स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों को भी है पर इन पर कार्रवाई करना तो दूर कभी सूची तक नहीं बनाई गई।
चिकित्सक सहित स्टाफ को नोटिस
शहारी स्वास्थ्य केंद्र टिकुरिया टोला से ड्यूटी के दौरान गायब होना आयुष चिकित्सक अर्चना गौर, स्टाफ नर्स ज्योति वर्मा सहित अन्य स्टाफ को महंगा साबित हुआ। जिला आयुष अधिकारी डॉ अरुण श्रीवास्तव ने डॉ अर्चना गौर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। सीएमएचओ डॉ विजय कुमार आरख ने स्टाफ नर्स ज्योति वर्मा, पांच एएनएम और सपोर्ट स्टाफ को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
शहारी स्वास्थ्य केंद्र टिकुरिया टोला से ड्यूटी के दौरान गायब होना आयुष चिकित्सक अर्चना गौर, स्टाफ नर्स ज्योति वर्मा सहित अन्य स्टाफ को महंगा साबित हुआ। जिला आयुष अधिकारी डॉ अरुण श्रीवास्तव ने डॉ अर्चना गौर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। सीएमएचओ डॉ विजय कुमार आरख ने स्टाफ नर्स ज्योति वर्मा, पांच एएनएम और सपोर्ट स्टाफ को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
झूठ बोलकर ड्यूटी से गए
क्षेत्र के लोगों को उम्मीद थी कि चिकित्सक की पदस्थापना के बाद उन्हें भटकाव नहीं झेलना पड़ेगा। क्षेत्र में ही बेहतर उपचार मिलेगा। लेकिन, पहले ही दिन लोगों को निराशा हाथ लगी। डॉ राजमणि शर्मा ज्वॉइन करने के बाद कागजी खानापूर्ति कर ड्यूटी करने की बजाय चलते बने। चिकित्सक ने स्टॉफ को बताया कि उन्हें सीएमएचओ ऑफिस बुलाया गया है। जबकि सीएमएचओ ऑफिस के किसी भी स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की।
क्षेत्र के लोगों को उम्मीद थी कि चिकित्सक की पदस्थापना के बाद उन्हें भटकाव नहीं झेलना पड़ेगा। क्षेत्र में ही बेहतर उपचार मिलेगा। लेकिन, पहले ही दिन लोगों को निराशा हाथ लगी। डॉ राजमणि शर्मा ज्वॉइन करने के बाद कागजी खानापूर्ति कर ड्यूटी करने की बजाय चलते बने। चिकित्सक ने स्टॉफ को बताया कि उन्हें सीएमएचओ ऑफिस बुलाया गया है। जबकि सीएमएचओ ऑफिस के किसी भी स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की।
नर्स-भृत्य के भरोसे केंद्र
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नई बस्ती में रोजाना 50 से 60 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। मंगलवार को ड्यूटी पर स्टाफ नर्स ज्योति सोनी और सपोर्ट स्टाफ अनिल कुशवाहा मौजूद थे। स्टाफ नर्स और सपोर्ट स्टाफ के भरोसे केंद्र चल रहा था।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नई बस्ती में रोजाना 50 से 60 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। मंगलवार को ड्यूटी पर स्टाफ नर्स ज्योति सोनी और सपोर्ट स्टाफ अनिल कुशवाहा मौजूद थे। स्टाफ नर्स और सपोर्ट स्टाफ के भरोसे केंद्र चल रहा था।
हकीकत
पद स्वीकृत कार्यरत
चिकित्सक 02 01
स्टाफ नर्स 03 01
फॉर्मासिस्ट 02 00
एएनएम 05 01
लैब टेक्नीशियन 01 00
सहयोगी कर्मचारी 01 01
पद स्वीकृत कार्यरत
चिकित्सक 02 01
स्टाफ नर्स 03 01
फॉर्मासिस्ट 02 00
एएनएम 05 01
लैब टेक्नीशियन 01 00
सहयोगी कर्मचारी 01 01