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US ELECTION : डॉनल्ड ट्रंप का अपनों ने भी छोड़ा साथ, कहा-पागलपन न करें

locationजयपुरPublished: Jan 07, 2021 08:06:58 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान से ही लगातार चुनाव प्रक्रिया व मतगणना पर उंगली उठाते रहे, जिसका परिणाम यह हुआ कि उनकी पार्टी के ही सांसद उनसे किनारा कर लिए। अमरीकी संसद भवन कैपिटल हिल्स में बवाल के बाद पार्टी के सांसदों ने कड़ी निंदा की।

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वॉशिंगटन. राष्ट्रपति पद के चुनाव के दौरान से ही लगातार चुनाव प्रक्रिया व मतगणना पर उंगली उठाते रहे, जिसका परिणाम यह हुआ कि उनकी पार्टी के ही सांसद उनसे किनारा कर लिए।

हिंसा कभी नहीं जीतती
अमरीकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने हिंसक घटनाक्रम को अमरीका के लिए काला दिन करार दिया है। हिंसा करने वाले नहीं जीते, क्योंकि हिंसा कभी नहीं जीतती है। कांग्रेस की बैठक का फिर से शुरू होना यह बताता है कि हम एक मजबूत लोकतंत्र हैं और यह जनता का सदन है। चलिए अब काम शुरू करते हैं।

हमारी संस्कृति नहीं
सीनेटर कैथी मैक्मॉरिस रोजर्स ने कहा कि संसद भवन में जो कुछ हुआ वह अपमानजनक है। हमारी संस्कृति नहीं है। भीड़ पुलिस पर हमला कर रही थी। संसद को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। राष्ट्रपति ट्रंप इन घटनाओं की निंदा करें व इस पागलपन पर रोक लगाएं।

उनको शर्म आनी चाहिए
ईश्वर से मैं प्रार्थना करती हूं कि देश के नागरिकों को ऐसा काला दिन फिर न देखना पड़े। इस घटना को अंजाम देने वालों को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने जो कुछ किया वह निंदनीय है। – कैली लोफ्लेर, सीनेटर
…तो समय से पहले कार्यकाल खत्म
20 जनवरी को ट्रंप का कार्यकाल खत्म होने से पहले उन्हें पद से हटाया जा सकता है? 25वें संविधान संशोधन के जरिए राष्ट्रपति की अपनी ही कैबिनेट उन्हें पद से हटा सकती है। दूसरी ओर, करीब दो दर्जन से अधिक डेमोक्रेट सांसद उनके खिलाफ फिर से महाभियोग लाने के लिए पत्र लिख चुके हैं।

220 वर्षों का लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन
पहले भी पड़ी हैं छींटें,
220 सालों में अमरीकी कैपिटल हिल्स परिसर पर हमले या हिंसा की घटना पहली बार नहीं है। लेकिन इस तरह की हिंसा पहले कभी नहीं हुई है।

1- 1812 के युद्ध में ब्रिटिश सेना ने कैपिटल हिल्स को जलाने की कोशिश की थी।
2- 1950 में चार प्यूर्टो रिकान राष्ट्रवादियों ने सदन की विजिटर गैलरी से गोलीबारी में पांच सीनेटर घायल हुए थे।
3- 1915 में सीनेट के स्वागत कक्ष में एक जर्मन हमलावर ने डायनामाइट की तीन छड़े लगाई थीं
4- 1983 में सीनेट पर बमबारी हुई थी, लेकिन न कोई घायल न ही मौत हुई थी।
5- 1998 में मानसिक बीमार व्यक्ति ने एक चौकी पर गोलीबारी कर दो कैपिटल पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी।

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