रामलीला मैदान हो रही इस रैली में RSS के सरकार्यवाहक ने न्यायालय को नसीहद दी दै। उन्होंने कहा है कि न्यायाल की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए। जिस देश में न्यायालय में विश्वास घटता है, उसका उत्थान होना असंभव है। इसलिए न्यायालय को भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। देश पर हमला करने वालों के निशान मिटने चाहिए।’
आपको बता दें कि धर्मसभा में धर्मसभा को साध्वी ऋतंभरा, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, जगतगुरु हंसदेवाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, आरएसएस के सुरेश (भैय्याजी) जोशी, आलोक कुमार और बीएस कोकजे मौजूद जो इस सभा को संबोधित कर रहे हैं।
अपने संबोधन में भैय्याजी जोशी ने कहा, ‘हम चाहते हैं, जो भी हो शांति से हो. संघर्ष करना होता तो इंतजार नहीं करते। इसलिए सभी लोग इसमें सकारात्मक पहल करें। हमारा किसी के साथ संघर्ष नहीं, राम राज्य में ही शांति आती है। ‘जोशी ने कहा, ‘भगवान राम का मंदिर भविष्य में रामराज्य का आधार बनेगा। अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने वाले आज दुखी होते हैं। भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन करना चाहते हैं। सब चाहते हैं राम भव्य मंदिर में रहें।
1992 में काम अधूरा रह गया. ढांचा गिरा पर मंदिर नहीं बना। संविधान का रास्ता बाकी है। हमारी यही अकांक्षा है कि कानून बनाते हुए राम मंदिर की सभी बाधाएं दूर हों। न्यायालय से भी यही अपेक्षा है कि वह जन्मभूमि का सम्मान करेगा।’