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एक दौर में इंदिरा गांधी नरसिंहराव से बहुत परेशान रहने लगी थीं, हटा दिया था सीएम पद से

locationनई दिल्लीPublished: Jun 28, 2018 02:28:32 pm

Submitted by:

Dhirendra

नरसिंह राव के महिलाओं के साथ अफेयर की शिकायतों से परेशान होकर इंदिरा ने उन्‍हें तीन साल में आंध्र के सीएम पद से हटा दिया था।

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नई दिल्‍ली। आज नरसिंह राव का जन्‍मदिन है। इसलिए उनकी चर्चा भी स्‍वभाविक है। पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपनी नीतियों से देश को तरक्की की राह पर आगे बढाया तो अपने व्यक्तिगत जीवन में वो संबंधों को लेकर विवादित भी रहे। इंदिरा के दौर में एक समय ऐसा भी आया जब इंदिरा गांधी उनसे बुरी तरह झुंझलाई हुई थीं। वो अपने सहयोगियों से यहां तक कहने लगी थीं कि मैं इस पीवी का क्या करुं। पीवी ने लक्ष्मीकांता अम्मा के साथ फ्लर्ट करने के अलावा कुछ नहीं किया। मैं परेशान हो गई हूं। मुझे उनके बेटे पर दया आती है। नाराजगी इस हद तक बढ़ गई कि उन्‍होंने तीन साल में ही नरसिंह राव को आंध्र के सीएम पद से हटा दिया।
ना जिविता कथा में है इसका जिक्र
इस बात का जिक्र कांग्रेस के सीनियर लीडर और आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वेंगल राव ने अपनी आत्‍मकथा “ना जीविता कथा” (माई लाइफ स्टोरी) में किया है। उन्होंने लिखा है कि वो इंदिराजी से मुलाकात करने गए दिल्ली गए थे। इंदिराजी बुरी तरह झुंझलाई हुईं थीं। पीवी नरसिंह राव का नाम लेते ही फट पड़ीं। वेंगल राव ने किताब में लिखा कि उन्होंने इंदिराजी को पार्टी के किसी वरिष्ठ मंत्री पर इस तरह झुंझलाते हुए कम देखा था। इंदिरा जी ने कहा कि मैं उम्मीद नहीं करती थी कि वह इतने चरित्रहीन होंगे। जबकि उनके इतने बड़े बच्चे हैं।
उनके बेटे करते थे इंदिरा से शिकायत
कांग्रेस के नेता वेंगल राव ने आत्मकथा में ये भी लिखा कि नरसिंह राव के बड़े बेटे पीवी रंगाराव अक्सर पिता के अफेयर की शिकायत लेकर दिल्ली पहुंचते थे। उन्होंने कई बार इंदिराजी से मिलकर पिता की शिकायत की थी। उन दिनों राव आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री थे। एक ओर अगर बेटा उनकी शिकायत कर रहा था तो दूसरी ओर विरोधी भी उनके अफेयर को मिर्च मसाला लगाकर उछाल रहे थे। उन्हीं लोगों ने लक्ष्मी कांतम्मा नाम की महिला नेता से संबंधों की बात मसाला लगाकर पहुंचाई। इन बातों की चर्चा से इंदिराजी इतनी आजिज आ गईं कि राव की सीएम की कुर्सी तीन साल में ही चली गई।
राव के महिला नेता से रिश्ते
विजय सीतापति की किताब “द हाफ लॉयन” में भी इसका उल्लेख है कि आखिर क्यों इंदिरा उनसे नाराज हो गईं। उनके मुताबिक राव के रिश्ते और भी कई महिलाओं से थे लेकिन छोटे-छोटे टुकड़ों में. सबसे ज्यादा प्रगाढ़ता लक्ष्मी कांताम्मा नाम की एक महिला नेता से थी। कांताम्मा 1977 तक लगातार सांसद चुनी जाती रहीं।
उदारीकरण से देश का बदला तकदीर
नरसिंह राव को 90 के दशक में उदारीकरण के जरिए देश की तस्वीर बदलने का भी श्रेय जाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के साथ मिलकर जिस तरह के कदम उठाए और नीतियां बनाईं, उससे देश में निजीकरण का रास्ता मजबूत हुआ। देश और विकास की पूरी तस्वीर बदली। उन्हें “फादर ऑफ इंडियन इकोनॉमिक रिफॉर्म्स” भी कहा जाता है।
इंदिरा ने ही बनाया था राव को सीएम
नरसिंह राव आंध्र के तेज-तर्रार नेताओं में गिने जाते थे और जल्द मंत्री बन गए। राजनीतिक कद के साथ लक्ष्मी से नजदीकियां भी बढ़ती रहीं। राव की पहचान केंद्रीय नेतृत्व तक बन गई थी। नेहरू और इंदिरा उन्हें पसंद करते थे। इसी वजह से इंदिरा ने प्रधानमंत्री बनते ही 1970 में राव को मुख्यमंत्री बनने में मदद की थी।
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