सरकारी योजनाओं का प्रचार क्यों करते हैं राजनीतिक दल आखिर सरकारी योजनाओं के बारे में आम जनता को जागरूक करने की जरूरत सत्ताधारी राजनीतिक दलों को जरूरत पड़ती ही क्यों है, जबकि इस काम में तो पूरा सरकारी अमला भी पूरे जोर-शोर से जुटा रहता है। मामला राज्यों का हो या केंद्र का, सत्ताधारी दल जनता को यह बताने से पीछे नहीं हटते कि सरकार उनके फायदे के लिए क्या-क्या योजनाएं लागू कर चुकी है या लेकर आ रही है और उनसे आम लोगों के जीवन पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे दो लाभ होते हैं। पहला तो यह कि आम जनता सचमुच सरकारी योजनाएं के बारे में जागरूक होती है और उनका लाभ ले पाती है। दूसरा, चुनावों की तैयारियों में जुटे सत्ताधारी दल जनता को अपनी सरकार की सफलता के बारे में बता पाते हैं। सत्ता पर आसीन सभी राजनीतिक दल बरसों से यही करते आ रहे हैं। वे लोक कल्याणकारी योजनाएं बनाते हैं, उनका क्रियान्वयन शुरू करते हैं, और साथ ही जुट जाते हैं अपनी सफलताओं औऱ पूर्व सरकारों की विफलताओं का बखान करने में।
मामला वोटरों को रिझाने का है या सचमुच जनकल्याण का सत्ताधारी दल सचमुच जनता को केवल वोटरों के रूप में देखकर उन्हें रिझाने की कोशिश कर रहे होते हैं या वे सचमुच जनकल्याण को प्राथमिकता देते हैं, इसे मापने का कोई पैमाना तो है नहीं। लेकिन फिर भी इस तरह के कई उदाहरण भी मिल जाएंगे, जहां नई योजना की घोषणा मात्र कर, उसके क्रियान्वयन से पहले ही श्रेय लूटने की कोशिश की जाती है या फिर पिछली सरकार की योजना के अपने कार्यकाल में पूरा होने पर उसे भी अपनी उपलब्धि बता दिया जाता है।