वीपी सिंह के जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि मतदाताओं को जातीय और सांप्रदायिक आधार पर इधर से उधर करने को लेकर जोरदार तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं। लोग काम के आधार पर वोट नहीं मांग रहे। उनके इस बयान से जेडीयू के एनडीए से अलग होने की संभावनाओं को फिर से बल मिल गया है। लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वो इस तरह का बयान देकर बिहार में भाजपा से ज्यादा सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने के दबाव बना रहे हैं या वास्तव में एनडीए से अलग होने से पहले इस बात का संकेत दे रहे हैं अब वो ज्यादा दिनों तक एनडीए का साथ नहीं दे पाएंगे।
आंध्र को स्पेशल स्टेटस देने से इनकार करने के बाद टीडीपी प्रमुख चंद्राबाबू नायडू पहले ही एनडीए से रिश्ता तोड़ चुके हैं। टीडीपी ने इस मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा को नहीं चलने दी थी। चंद्राबाबू नायडू ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। हाल ही में नीति आयोग की बैठक में भी उन्होंने आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। उनकी मांग का नीतिश कुमार ने समर्थन करते हुए बिहार को भी स्पेशल स्टेटस देने की अपनी पुरानी मांग को नए सिरे से दुहराया। एनडीए की सबसे पुरानी और सहयोगी पार्टी शिव सेना के साथ भी भाजपा के रश्तिे खराब चल रहे हैं। मुम्बई में अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर शिव सेना की शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया लेकिन अभी तक बात नहीं है।