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प्रधानमंत्री मोदी जी, देश के मजदूरों को आज आपसे थी इस बात की उम्मीद…

locationनई दिल्लीPublished: May 01, 2018 03:21:33 pm

Submitted by:

Dhirendra

आज अन्तरराष्‍ट्रीय मजदूर दिवस है, लेकिन खुद को देश का सबसे बड़ा चौकीदार बताने वाले पीएम मोदी उन्‍हीं को याद करना भूल गए।

pm modi
नई दिल्‍ली। पीएम नरेंद्र मोदी यूं तो खुद को देश का सबसे बड़ा चौकीदार, प्रधानसेवक और कामगार बताते हैं, लेकिन एक मई का दिन अन्तरराष्‍ट्रीय मजदूर दिवस होने के बावजूद उन्‍होंने देश के करोड़ों मजदूरों को याद करना मुनासिब नहीं समझा। वो दिन भर कर्नाटक की चुनावी रैलियों में व्‍यस्‍त रहे पर कहीं पर भी उन्‍हें अपने मजदूर भाइयों की याद तक नहीं आई। जबकि दो वर्ष पूर्व उन्‍होंने इसी दिन यूपी के बलिया में गरीबों के लिए उज्‍जवला योजना की शुरुआत की थी। 2017 में उन्‍होंने ट्वीट कर मजदूरों को सलाम किया था। फिर इस बार क्‍या हो गया कि वो गरीब मजदूरों को भूल गए। इससे करोड़ों मजदूरों को निराशा हाथ लगी है। साथ ही ये सवाल भी मजदूरों के जेहन में तैरने लगा है कि जब प्रधानसेवक ही मेरा नहीं रहा तो और कोई क्‍यों हमें याद करे।
मजदूरों की क्‍यों नहीं आई याद

पीएम मोदी ने 2018 में न तो मजदूरों को ट्वीट कर याद किया और न ही किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में मजदूरों का जिक्र किया। मजदूर और गरीबों को पीएम का यूं भूल जाना निराश करने वाला है। उन्‍होंने कर्नाटक के चामराजनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी को नामदार बताया और खुद को कामगार। उन्‍होंने 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाने की बात करते हुए ये जरूर कहा कि ऐसा करना मजदूरों की मेहनत के बिना संभव नहीं होता। इसके अलावा उन्‍होंने मई दिवस का कहीं और या सोशल मीडिया पर भी प्रत्‍यक्ष रूप से कोई जिक्र नहीं किया। हालांकि ट्विटर पर कर्नाटक में तीन रैलियों को संबोधित करने की सूचना उन्‍होंने जरूर दी है। महाराष्‍ट्र और गुजरात के लोगों को भी ट्वीट के जरिए शुभकामनाएं दी हैं।
पीएम ने 2017 में किया था सलाम

साल 2017 में पीएम मोदी ने मजदूर दिवस के अवसर पर अपने ट्वीट में श्रमिकों को सलाम करते हुए कहा था कि वे देश की तरक्की में बड़ी भूमिका निभाते हैं। उनके ट्वीट का मजमून कुछ इस तरह था, ‘आज, श्रमिक दिवस के अवसर पर हम उन अनगिनत श्रमिकों के दृढ़संकल्प और परिश्रम को सलाम करते हैं जो भारत की तरक्की में बड़ी भूमिका निभाते हैं। श्रमेव जयते।’
2016 में की उज्‍जवला योजना की शुरुआत

साल 2016 में पीएम मोदी ने मजदूर दिवस पर उज्जवला योजना की शुरुआत करते हुए 5 करोड़ गरीबों को मुफ्त में रसोई गैस देने की घोषणा की थी। उन्‍होंने इस योजना की शुरुआत मजदूर दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के बलिया में से की थी। इस मौके पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि यूपी ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए, पर यहां गरीबों की संख्या बढ़ती गई। पहले श्रमिकों को सरकार के सामने हाथ फैलाने पर मजबूर किया जाता था। पहले गरीब श्रमिकों को बोनस में 10 हजार नहीं मिलते थे। अब उन्हें 21 हजार तक मिल रहा है। 30 साल बाद देश में पूर्ण बहुमत की सरकार आई है। हमने श्रमिकों को न्यूनतम एक हजार रुपये पेंशन देने की नीति पर अमल की है। 21वीं सदी में दुनिया को एक करने का नारा लेकर चलेंगे। मजदूर नंबर-1 की ओर से सभी श्रमिकों को प्रणाम।
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