केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि वंदे मातरम् नहीं गाने के आधार पर किसी नागरिक को देशद्रोही नहीं करार दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् गाना ‘अपनी-अपनी पसंद की बात’ है।
Mukhtar Abbas Naqvi
मुंबई। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि वंदे मातरम् नहीं गाने के आधार पर किसी नागरिक को देशद्रोही नहीं करार दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् गाना ‘अपनी-अपनी पसंद की बात’ है। संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा, वंदे मातरम् गाना या न गाना पूरी तरह किसी की अपनी पसंद है। जो लोग गाना चाहते हैं वे गा सकते हैं और जो गाना नहीं चाहते वे ना गाएं। इसे नहीं गाना किसी को देशद्रोही नहीं बनाता। उन्होंने कहा कि अगर कोई जानबूझकर बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय लिखित राष्ट्र गीत का विरोध करता है तो यह सही नहीं है और देश के हित में नहीं है।
दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक केस के दौरान यह फैसला सुनाया था कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में अनिवार्य किया जाए। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि स्कूलों-कॉलेजों में हफ्ते में एक दिन और सभी सरकारी और निजी कार्यालयों में महीने में एक दिन ‘वंदे मातरम’ गाना ही होगा।
महाराष्ट्र विधान सभा में हुआ था विवाद
मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र में भाजपा विधायक राज पुरोहित ने राष्ट्र गीत को अनिवार्य करने को लेकर राज्य सरकार से नया कानून बनाने की मांग उठाई है। उन्होंने राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में इसे लागू करने की मांग की थी, जबकि एआईएमआईएम और समाजवादी पार्टी के विधायकों ने इस कदम का विरोध किया था। महाराष्ट्र विधान सभा में शुक्रवार को वंदे मातरम् गाने को लेकर विवाद हो गया। भाजपा विधायकों ने समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आसिम आजमी का इसलिए जोरदार विरोध किया कि वह राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में वंदे मातरम् के गायन को आवश्यक बनाने की मांग का विरोध कर रहे थे।