एक न्यूज चैनल से बातचीत में यशवंत सिन्हा ने कहा है कि यह लोगों के वोट पाने के लिए पैसे बांटने जैसा है। यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘अंतरिम बजट लाया जाना था, लेकिन सरकार ने संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए अपना छठा बजट पेश कर दिया। उनको जनादेश केवल 5 बजट तक के लिए मिला था, लेकिन जैसा कि ये हर जगह करते हैं, संविधान की परंपराओं का ध्यान न रखते हुए इन्होंने अपना छठा बजट पेश कर दिया। उस तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा। लोग सिर्फ यह बात कर रहे हैं कि बजट अच्छा है, बुरा है।’
यशवंत सिन्हा ने कहा कि इस बजट के जरिए सरकार ने बस एक ही कोशिश की है कि विभिन्न वर्ग के लोगों को कैश उपलब्ध करा दो और वोट ले लो। यानी कैश फॉर वोट इनका मूल मंत्र है। यशवंत सिन्हा ने बजट में किसानों को लेकर हुए ऐलान पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई में चुनाव होंगे, एक्सपेंडिचर का एक आइटम है जो किसानों के लिए लाया गया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि एक्सपेंडिचर को पीछे से लागू किया जाए, लेकिन यह सरकार कर रही है।