विपक्ष की साजिश: राघवेंद्र
कारवां मैगजीन के दावों पर तंज कसते हुए राघवेंद्र ने कहा, ‘यह सब विपक्ष का कियाधरा है।’ राघवेंद्र ने कथित डायरी के पैटर्न पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ‘सबसे पहली बात मेरे पिता की डायरी लिखने की आदत बिल्कुल नहीं है। वहीं दूसरी बात डायरी के हर पन्ने पर साइन? जिसने डायरी लिखी है उसे इस बारे में सामान्य जानकारी होनी चाहिए।’ आपको बता दें कि डायरी के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बीएस येदियुरप्पा ने भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति और बीजेपी नेताओं को 1800 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। कारवां मैगजीन ने दावा किया है कि उसके पास जो डायरी है उसमें येदियुरप्पा ने 2009 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कन्नड़ भाषा में अपने हाथों से कथित भुगतानों का ब्योरा दर्ज किया है। ये डायरी 2017 के बाद से आयकर विभाग के पास है। मैगजीन ने दावा किया कि डायरी में येदियुरप्पा ने भाजपा केंद्रीय समिति को 1,000 करोड़ रुपए देने की बात लिखी है। इसके अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह को 100 करोड़ रुपए दिए गए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी 100 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
डायरी की निष्पक्ष जांच की मांग
आपको बता दें कि राघवेंद्र ने इस डायरी पर जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि भाजपा इस मामले में निष्पक्ष पूछताछ की मांग करती है। डायरी में लिखा गया है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को 150 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इसके अलावा येदियुरप्पा ने “गडकरी के बेटे की शादी के लिए 10 करोड़ रुपए अलग से दिए हैं। डायरी में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का भी नाम है। इन्हें भी 50-50 करोड़ रुपए का भुगतान करने की बात कही है।
येदियुरप्पा की डायरी ने उगले राज, भाजपा नेताओं को दिए गए 1800 करोड़ रुपए- मैगजीन का दावा
गौरतलब है कि डायरी में करीब 12 नेताओं के नाम हैं। डायरी में 17 जनवरी 2009 को येदियुरप्पा के हाथों से लिखा गया है कि न्यायाधीशों को 250 करोड़ रुपए और “अधिवक्ताओं (मामलों के लिए भुगतान किया गया शुल्क)” को 50 करोड़ रुपए का भुगतान किए गया है। गौरतलब है कि बीएस येदियुरप्पा मई 2008 से जुलाई 2011 तक कर्नाटक में मुख्यमंत्री रहे हैं। कारवां मैगजीन की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है । कांग्रेस का आरोप है कि इस डायरी के एक-एक पन्ने पर येदियुरप्पा के दस्तखत हैं।