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थमे रहे रोडवेज के चक्के, निजी बस संचालकों की बल्ले-बल्ले

locationप्रतापगढ़Published: Sep 21, 2018 10:55:10 am

Submitted by:

Rakesh Verma

-लगातार चौथे दिन भी हड़ताल पर रहे रोडवेज कर्मचारी

pratapgarh

थमे रहे रोडवेज के चक्के, निजी बस संचालकों की बल्ले-बल्ले

प्रतापगढ़. रोडवेज कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने को लेकर अड़े हुए हैं। ऐसे में गुरुवार को लगातार चौथे दिन भी रोडवेज बसों का संचालन नहीं हुआ और सभी बसें रोडवेज डिपो पर खड़ी रही। जिसके चलते रोडवेज के यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर रोडवेज की हड़ताल का सीधा फायदा निजी बस संचालकों को हो रहा है। निजी बसें धड़ल्ले से दौड़ रही है और बड़ी संख्या में यात्री उनमें सफर कर रहे हैं। ऐसे में निजी बस संचालकों की चांदी हो रही है।
अतिरिक्त बसें लगाई
रोडवेज की बसें नहीं चलने से निजी बसों में यात्रा करने वालों की संख्या काफी बढ़ी हुई है। कमोबेश हर निजी बसें ठसाठस भरकर चल रही है। बढ़े हुए यात्री भार को देखते हुए निजी बस संचालकों ने अतिरिक्त बसों का संचालन भी कर रखा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को अपनी बसों में यात्रा की सुविधा दी जा सके और आय में बढ़ोतरी हो।
ज्यादा सुविधा देने की कवायद
रोडवेज की हड़ताल से इस समय निजी बस संचालकों को बढ़ा हुआ यात्री भार तो मिल ही रहा है। वहीं निजी बस संचालक यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने और उन्हें आगे भी अपनी सेवाओं से जोडऩे की कवायद करते नजर आ रहे हैं।
अभी तक अनिश्चितता
रोडवेज कर्मचारियों ने अपनी मांगों को पूरा नहीं होने तक अनिश्चिकालीन हड़ताल की घोषणा कर रखी है। मांगे अब तक पूरी नहीं हुई है। ऐसे में रोडवेज की हड़ताल कब तक टूटेगी यह कुछ कहा नहीं जा सकता। जो यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। हालांकि इस दौरान निजी बसें उनके लिए तारणहार साबित हो रही है।
मंदिरों में आयोजन जारी
प्रतापगढ़ शहर समेत जिले में जैन दिगम्बर समाज के पर्युषण पर्वजारी है। इसके तहत रोजाना कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। खेरोट के आदिनाथ मंदिर में गुरुवार को भगवान का अभिषेक किया गया। जिसमें कई श्रद्धालुओं ने भाग लिया।पर्व के सातवें दिन गुरुवार को उत्तम तप धर्म की पूजा की और दूध का त्याग किया गया।
ब्रह्मचारी निलेश भैया ने बताया कि कर्म रूपी पर्वत को नष्ट करने के लिए तप वज्र के समान है। तप आत्मा को शुद्ध करता है। इसके साथ ही जीवन को पवित्र बनाने के लिए तप का मार्ग अपनाना चाहिए। क्योंकि विषयों का त्याग करना आसान नहीं है। जो तप करता है। वहीं इनसे बच सकता है। तप के मार्ग से ही जीवन-मरण के भटकाव से मुक्ति मिलेगी। शहर के धानमंडी स्थित दिगंबर जैन समाज के ऋषभदेव मंदिर में मंडल विधान की रचनाओं की झांकी भी सजाई गई। शाम को हुई आरती में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जिसमें कई गांवों से श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
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