इमाम हुसैन की शहादत की याद पर मातमी धुनों के साथ निकले ताजिए
छोटीसादड़ी पैगंबर हजरत मोहम्मद सअव के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत में मनाए जाने वाला पर्व पर मुस्लिम समाज ने गुरुवार रात को नगर में ताजिए निकाले। जगह-जगह आकर्षक विद्युत रोशनी से सजे छबील लगाए गए।रात को पठान चौक से ढोल-नगाड़ों के मातमी धुनों व अखाड़े के साथ ताजीए निकले।
सदर बाजार पहुंचे। जहां चूड़ी गली से निकलने वाला ताजीए भी सम्मिलित हुआ। यहां सलामी की रस्म अदा की गई। ताजियों का दीदार कर सजदा किया तथा प्रसाद चढ़ाया। यहां से ताजिए अपने मुकाम पर पहुंचे।
जलझूलनी एकादशी पर्व और इमाम हुसैन की कर्बला में शहादत की रात एक ही दिन गुरुवार को मनाई गई। रात में बेवाणों के साथ झिलमिलाती झांकियां निकली। वहीं ताजिए का कारवां भी निकला। जहां एक ओर ताजिया निकालने के लिए चारभुजा मन्दिर संघ के तत्वाधान में निकलने वाले डोल ने अपने तय समय में कमी की। वहीं मुस्लिम समाज ने भी अपने निश्चित समय में डेढ़ घण्टे की देरी की और साम्प्रदायिक सौहार्द का नजारा दिखाई दिया। एक तरफ डोल अपने अपने गन्तव्य की ओर मन्दिरो पर लौट रहे थे। और पीछे से ताजिए का कारवां शुरू हुआ। हिंदू-मुस्लिम डोल और ताजिए निकाल कर साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की। शुक्रवार को मोहर्रम माह की दसवीं तारीख को योमे आशुरा के रूप में मनाई।