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साकरिया स्कूल में खतरे के साए में पढऩे को मजबूर डेढ़ सौ विद्यार्थी

locationप्रतापगढ़Published: Aug 01, 2022 02:24:53 pm

Submitted by:

Devishankar Suthar

150 students forced to study under the shadow of danger in Sakaria school

साकरिया स्कूल में खतरे के साए में पढऩे को मजबूर डेढ़ सौ विद्यार्थी

साकरिया स्कूल में खतरे के साए में पढऩे को मजबूर डेढ़ सौ विद्यार्थी


टीनशेड और लकड़ी की बल्लियों की छत टूटने के कगार पर
बाहर खुले में टीनशेड में पढ़ाई कर रहे बच्चे
प्रतापगढ़. जिले के साकरिया गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का भवन 6 दशक पुराने टीनशेड में संचालित हो रहा है। जो हालात यह है कि यहां मात्र तीन कमरे है। बाहर बरामदे में ही कक्षाएं संचालित होती है। टीनशेड की लकड़ी की बल्लियां भी टूटने के कगार पर है।
जबकि टीनशेड भी जंग लग गया है। इससे जगह-जगी बारिश में पानी टपकता है। ईंट और मिट्टी की दीवारों में भी काफी जगह से दरारें हो गई है। ऐसे में यहा भवन गिरने के कगार पर है। हालात यह है कि बारिश में यहां छत से पानी टपकता है। जिससे कक्षाएं संचालन करना और भी परेशानी वाला हो जाता है। यहां आठवीं तक संचालित हो रही है। जिसमें 155 विद्यार्थी नामांकित है।
गांव से दूर पांच बीघा भूमि आवंटित
यहां विद्यालय भवन के लिए पांच बीघा भूमि का आवंटन किया गया है। जो गांव से दूर है। ऐसे में इसके भवन के लिए अभी तक कोई स्वीकृति नहीं हुई है। ग्रामीणों ने यहां भवन बनाने की मांग उठाई है।
खेल गतिविधियां भी बंद
शिक्षक नेता सीपी मीणा ने बताया कि कई बार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि को भी अवगत करवा रखा है लेकिन अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है और खेल का मैदान भी नहीं है जिससे बालकों में खेल एक्टिविटी नहीं हो पाती है। जिससे बच्चे खेल में पीछे रह रहे हैं। ऐसे में अब जिला कलक्टर से आस है कि विद्यालय भवन के लिए स्वीकृति दिलाई जाए।
जमीन के अभाव में पोषण वाटिका भी नहीं
अभी सरकार की ओर से सभी विद्यालयों में पोषण वाटिका बनाई जा रही है। लेकिन यहां तो भवन की हालत भी खराब है। ऐसे में पोषण वाटिका के लिए जगह नहीं होने से यहां पोषण वाटिका भी नहीं बनाई जा रही है।
6 दशक पहले बना था टीनशेड वाला स्कूल
यहां साकरिया गांव में वर्ष 1956 में राजकयी प्राथमिक विद्यालय बना था। उस समय छत पर बल्लियां और चद्दर डाले गए थे। इसके बाद विद्यालय परिसर में दो दशक पहले दो कमरे पक्के बनाए गए थे। वहीं वर्ष 2004 में इसे उच्च प्राथमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया गया। अभी यहां एक कमरे में आंगनबाड़ी केन्द्र भी संचालित किया जा रहा है।
तीन कमरों और बरामदे में चल रही कक्षाएं
यहां विद्यालय में मात्र तीन कक्ष हैं। जिसमें से एक में एबीएल कक्ष संचालित है। दो कक्ष के अंदर क्लासें चलती है। पुराने चद्दर से छत वाले कमरे दो है। जिसमें एक कमरा ऑफिस का है। जबकि दूसरे में पोषाहार बनाया जाता है। यह भवन भी जर्जर अवस्था में है। वहीं एक कमरे में आंगनबाड़ी संचालित होती है। हो रही है काफी परेशानी
&यहां विद्यालय संचालन में काफी परेशानी हो रही है। कमरों की कमी और वे भी 6 दशक पुराने टीनशेड है। ऐसे में यहां हर समय खतरा बना हुआ रहता है। हालात यह है कि बाहर बरामदे में एक साथ दो-दो कक्षाएं संचालित करन पड़ रही है। इसके लिए हर समय उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया जाता है।
जसप्रीतङ्क्षसह, प्रधानाध्यापक, राउप्रावि, साकरिया
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