पोष दशमी पर निकाली शोभायात्रा, ध्वजा चढ़ाई
प्रतापगढ़. जिले में पोष दशमी पर कई आयोजन हुए। जिसमें शोभायात्रा निकाली गई। जबकि कई मंदिरों पर ध्वजा चढ़ाई गई।
शहर के शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर में आयोजित महोत्सव में पोष दशमी पर शुक्रवार को शोभायात्रा निकाली गई।

पोष दशमी पर निकाली शोभायात्रा, ध्वजा चढ़ाई
प्रतापगढ़. जिले में पोष दशमी पर कई आयोजन हुए। जिसमें शोभायात्रा निकाली गई। जबकि कई मंदिरों पर ध्वजा चढ़ाई गई।
शहर के शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर में आयोजित महोत्सव में पोष दशमी पर शुक्रवार को शोभायात्रा निकाली गई। महोत्सव के दूसरे दिन जैन समाज ने भगवान पाश्र्वनाथ का चल समारोह निकाला। पोष दशमी के दूसरे दिन पाश्र्वनाथ भगवान का जन्म उत्सव मनाया गया। मुनि पवित्र रत्न सागर ने धर्म सभा में कहा कि आज शासन प्रभु महावीर का चल रहा है। लेकिन नाम प्रभु पाश्र्वनाथ का चल रहा है। धर्म सभा में कई वडिलो ने अपने भाव प्रकट किए। महोत्सव में विशेष अतिथि के रुप में जिला प्रमुख इंदिरादेवी मीणा ने संतों का आशीर्वाद लिया। अशोक कंकरेचा ने बताया कि 3 दिन के उपवास में 125 से ज्यादा आराधक जुड़े हैं। त्रिदिवसीय एकासणा में 250 से ज्यादा आराधक जुड़े है।
शाम को विशेष महा पूजा का आयोजन किया गया। भक्ति संगीत दीपक करणपुरिया द्वारा कराई गई।
महोत्सव के तीसरे दिन सुबह 9 बजे परमात्मा का महा मस्तकाभिषेक होगा। श्री शंकेश्वर पाश्र्वनाथ ट्रस्ट मंडल के पदाधिकारी महावीर चंडालिया, अजीत दक, दिलीप बोरदिया, हंसमुखलाल भंडारी, बाबूलाल भादविया, निलेश हडवावत आदि ने विचार व्यक्त किए। ट्रस्ट के संरक्षण गजेंद्र चंडालिया ने भी आशीर्वाद लिया।
रंभावली पाश्र्वनाथ मंदिर पर चढ़ाई ध्वजा
-पोष दशमी महोत्सव के तहत हुआ आयोजन
छोटीसादड़ी. समीपस्थ ग्राम पंचायत रमावली में जैन समाज की ओर से पाश्र्वनाथ मंदिर पर वार्षिक ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। दिलीप बंडी एवं संजय मेहता ने बताया कि पारसनाथ के जन्म कल्याणक महोत्सव पोष दशमी पर परमात्मा का प्रक्षाल एवं पूजन किया गया। शिखर पर लाभार्थी प्रेमचंद मनीष मेहता परिवार की ओर से ध्वजा चढ़ाई गई। इस दौरान छोटीसादड़ी श्री संघ अध्यक्ष गुणवंतलाल बंडी, रंभावली पारसनाथ ट्रस्ट अध्यक्ष पारसमल लसोड़, परशुराम संगठन जिला अध्यक्ष योगेंद्र औदिच्य, कांतिलाल दक, सुशील चौधरी, विमल वया, संजय मारू, मथुरालाल मेहता, शैलेंद्र जैन, सुरेश मेहता आदि मौजूद थे।
::== शांतिनाथ में आचार्य सुनीलसागर की धर्मसभा
प्रतापगढ़. धनवान बनने के लिए एक-एक कण का उपयोग करना पड़ता है। ज्ञानवान बनने के लिए एक-एक श्रण का उपयोग करना पड़ता है।
यहा बात आचार्य सुनीलसागर ने शांतिनाथ में आयोजित धर्मसभा में कही। उन्होंने कहा कि यह जीव धनवान बनने के लिए कण-कण का संग्रह करता है। इतना संग्रह करने के बाद भी कब कोई रोड़वान बन जाए कह नहीं सकते। पर यह सत्य है कि जिसने एक एक श्रण का सदुपयोग किया तो एक दिन वह जीव ज्ञानवान जरूर बन जाएगा। यह ज्ञान की निधि प्राप्त होने के बाद फिर जीवन में कभी भी आप से अलग नहीं होगी। इसलिए ज्ञानवान बनने के लिए पुरुषार्थ करें। ज्ञानवान, गुणवान बनने के लिए हमारी दृष्टि सामने वाले व्यक्ति के ज्ञान के ऊपर होनी चाहिए। विचार करने की बात है कि दोष दिखते है तब आइना क्यो बने, आइने में जो दिखता है, जो दोष दिखते है, उसे हमें नहीं करना। किसी के गुण दिखने पर दृष्टि उसके गुणों को ग्रहण करने की हो। पर दोष दिखन ेपर दृष्टि ऐसी बने कि ऐसे दोष हमसे ना हो, इसकी जिम्मेदारी हमारी है।
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