-पांच दिन से लापता सभापति कमलेश डोसी के बड़े पिताजी शांतिलाल गोपी बोले, …कमलेश के नहीं मिलने से पूरा शहर परेशान था। हमारा परिवार भी परेशान था। मैंने खुद सभापति कमलेश से बात की है। वह भी बात करते-करते रोने लग गया। ज्यादा बात नहीं की है। वे अस्पताल में थे।
गोपी बताते हैं कि हम दर्शन करते घर ही आए थे। दोपहर करीब बारह व सवा बारह बजे कमलेश का फोन आया। मैंने खुद ने बात की। परिवार में खुशी छा गई। शहरवासियों की बधाईयां आ रही है। शहर की जनता खुश है। कमलेश का जो फोन आया, वो बंगलोर अस्पताल में हैं। वो ज्यादा बात नहीं कर सका। मेरे भी आंसू आ गए। उसने कहा, पापा मैं हॉस्पीटल में हूं। हमने वहां रिश्तेदारों को भेजा है। वे वहां पर सुरक्षित हैं। कमलेश ने बताया कि उसे होश ही अब आया है।
कमलेश डोसी के बेटा यश डोसी…
मीडिया से बात करते हुए कमलेश डोसी का बेटा यश डोसी लगभग रूआसा सा था। हाथ जोडकऱ सभी शहरवासियों का धन्यवाद दिया कि जो सबने डोसी के सकुशल लौटने पर प्रार्थनाएं की थी। पापा सकुशल मिल गए हैं। वे जल्द ही सबके बीच में आएंगे। पापा से मेरी बात हो गई है। वे किसी जान-पहचान वाले के साथ हैं। वे अभी बंगलोर हैं। वे जल्द ही प्रतापगढ़ आए जाएंगे।
अस्पताल में होश आने पर परिजनों को लगाया फोन
प्रतापगढ़. प्रतापगढ़ नगर परिषद सभापति चौथे दिन सोमवार सुबह कर्नाटक के बैंगलोर चिकित्सालय में मिले। उनको यहां किसी ने अचेतावस्था में भर्ती कराया था। उन्हें होश आने के बाद परिजनों को मोबाइल पर बात की। इसकी सूचना मिलते ही प्रतापगढ़ में जश्न का माहौल हो गया। नगर परिषद के सामने गांधी चौराहे पर पटाखे फोडे। ढोल बजाए। जश्न मनाया गया। एक-दूसरे को मिठाई खिलाई। वहीं घर पर भी खुशी का माहौल रहा।
गुम होने से मिलने की की कहानी
-नगर परिषद सभापति कमलेश डोसी प्रतापगढ़ से 16 मई को रवाना हुए थे। जो
जयपुर गए और वहां से मुम्बई गए।
– मुम्बई में 17 मई को एक होटल में ठहरे, जहां से पौने आठ बजे होटल को छोड़ा। इसके बाद मुम्बई के कुर्ला रेलवे स्टेशन पर रात 11 बजे तक सीसीटीवी फुटेज में दिखे।
-इसी दौरान मोबाइल से भी सम्पर्क कट गया था।
-इसके दूसरे दिन 18 मई को दिनभर परिजनों ने उनके सम्पर्क का प्रयास किया। लेकिन कोई सम्पर्क नहीं हो पाया।
-18 मई रात को प्रतापगढ़ कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
-पुलिस की साइबर सैल और एक अन्य टीम परिजनों के साथ मुम्बई पहुंची।
– सामने आया कि जिस होटल में वे ठहरे थे। वहां से शाम साढ़े सात बजे चैक आउट किया था। इसके बाद से टैक्सी से कुर्ला रेलवे स्टेशन पहुंचे। इसके बाद कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
-गुम होने की सूचना के बाद प्रतापगढ़ पुलिस, परिजन और मुम्बईपुलिस जांच में जुटी हुई थी। पुलिस की ओर से तीन टीमें और मुम्बई पुलिस इसमें जुटी हुई थी।
-21 मई: सोमवार सुबह कर्नाटक के बैंगलोर के एक चिकित्सालय में कमलेश डोसी को होश आया। इस पर उन्होंने दूरभाष पर परिजनों से बात की।
सब कुछ गायब
डोसी ने परिजनों को बताया कि उनके पास ना तो सोने की चेन, कड़ा और अन्य कोई दस्तावेज, बैग आदि नहीं मिले। मुम्बई से वे बंैगलोर कैसे पहुंचे, यह सामने नहीं आया है। जबकि वे मुम्बई से बुरहानपुर के लिए निकले थे।