किसानों को दी उन्नत तकनीकी की जानकारी
प्रतापगढ़Published: Dec 03, 2019 05:57:08 pm
यहां कृषि विज्ञान केन्द्र पर मंगलवार को विद्यार्थियों और किसानों को कृषि संबंधित जानकारियां दी गई।
किसानों को दी उन्नत तकनीकी की जानकारी
किसान नवीन तकनीक से ही आगे बढ़ सकते है
आदर्श बाल मन्दिर उच्च माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस का आयोजन
प्रतापगढ़
यहां कृषि विज्ञान केन्द्र पर मंगलवार को विद्यार्थियों और किसानों को कृषि संबंधित जानकारियां दी गई। यहां आदर्श बाल मन्दिर उच्च माध्यमिक विद्यालय बगवास में कृषि शिक्षा दिवस मनाया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. योगेश कनोजिया ने बताया कि यह दिवस देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के सम्मान में उनके जन्म दिवस पर पूरे देश में मनाया जा रहा है। डॉ. कन्नोजिया ने विद्यार्थियों को कृषि के क्षेत्र में रोजगार की संभावना के बारे में बताया। कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी कृषि के क्षेत्र में अपना कैरियर संवार सकते हैं। डॉ. कनोजिया ने कृषि छात्रों को कृषि विश्वविद्यालय में बीएससी कृषि में प्रवेश लेने के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेट के बारे में जानकारी भी दी। डॉ. कन्नोजिया ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था भी कृषि पर ही केन्द्रित हैं।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य जगदीशलाल शर्मा ने बताया कि भारत कृषि प्रधान देश है। इसमें लगभग 70 प्रतिशत व्यक्ति कृषि पर निर्भर है। आज के युग में कृषि तकनीक के द्वारा ही आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन आगे भी होना चाहिए। ताकि बच्चों को कृषि शिक्षा के बारें में जागरुक किया जा सके। इस अवसर पर केन्द्र के तकनीकी सहायक डॉ. रमेश कुमार डामोर ने बताया कि किसान का बेटा कृषि के बारे में अच्छी समझ रखता है, लेकिन हमें कृषि की पढ़ाई कर देश का उत्पादन बढ़ाने में योगदान करना चाहिएं। इस अवसर पर केन्द्र के स्कूल के अध्यापक मोहित यादव, जगदीश मेघवाल, वंदना सेन एवं मंजुला धाकड़ व कृषि छात्र व छात्रों ने भाग लिया।
प्रतापगढ़
कृषि विज्ञान केन्द्र में सोमवार को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर का स्थापना दिवस आयोजित किया गया। इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. योगेश कन्नोजिया ने बताया कि इसकी स्थापना 2 दिसम्बर 1999 को हुई थी। तब से यह विश्वविद्यालय देश-विदेश में कृषि के क्षेत्र में अपना अलग स्थान रखता हैं। उन्होंने कहा कि ‘कृषि-केंद्रित देश होने के नाते किसान हमारे देश की संपत्ति हैं’। साथ ही उन्होंने किसानों को देश की वास्तविक जीवन रेखा बताया। डॉ. कन्नोजिया ने कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा गत 7 वर्षों के कार्यों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर इफको के जिला प्रभारी मुकेश आमेटा ने विश्वविद्यालय द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने के दृष्टिकोण को साकार करने में योगदान देने का आग्रह किया। जो कृषि और किसान समुदाय के लाभ के लिए लक्षित हैं।
केन्द्र के तकनीकी सहायक डॉ. रमेशकुमार डामोर ने कहा कि कृषि समुदाय के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं को अधिक प्रभावी और कुशलता से दूर करने के लिए तकनीकों को विकसित करने में एक सामूहिक दृष्टिकोण होना चाहिए। डॉ. डामोर ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र अधिक-से-अधिक युवाओं को कृषि को अपने पेशे के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा हैं। इफको के शंकरलाल शर्मा ने किसानों को लागत कम करने एवं वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के बारें में किसानों को बताया। इस मौके पर सभी को 2-2 पेड़ वितरित किए गए।