scriptशहर को सुअरो से मुक्त करने के लिए भाजपा नेता बैठे धरने पर | BJP leaders sit on dharna to make the city pig free | Patrika News

शहर को सुअरो से मुक्त करने के लिए भाजपा नेता बैठे धरने पर

locationप्रतापगढ़Published: Dec 11, 2019 11:41:44 am

Submitted by:

Hitesh Upadhyay

-जल्द समाधान नहीं होने पर आमरण अनशन की दी चेतावनी

शहर को सुअरो से मुक्त करने के लिए भाजपा नेता बैठे धरने पर

शहर को सुअरो से मुक्त करने के लिए भाजपा नेता बैठे धरने पर

प्रतापगढ़. लम्बे समय से शहर में सुअरो के कारण आमजन की परेशानी को देखते हुए भाजपा के पूर्व पार्षद प्रहलाद गुर्जर शहर को ***** मुक्त कराने के लिए अपने साथियों के साथ गांधी चौराहे पर धरने पर बैठ गए हैं। प्रहलाद गुर्जर ने नगरपरिषद गेट के बाहर धरना शुरू किया है। उनका कहना है कि लम्बे समय से शहरवासी आवारा सुअरों के शहर में विचरण से परेशान हैं। शहरवासियों की तमाम मांग के बावजूद इनके स्वच्छंद विचरण पर रोक नहीं लग पा रही है। ये ***** गली-मौहल्लों में ही विचरण कर समस्या पैदा नहीं करते बल्कि घरों और धार्मिक स्थलों तक में घुस जाते हैं। जिसके कारण शहरवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शहर को आवारा सुअरों से निजात दिलाने के लिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि यदि जल्द ही शहर से सुअरों की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे आमरण अनशन करेेंगे।
75 लाख रुपए की लागत से बने 3 सब सेन्टर उपयोग से पहले हुए नाकारा

पारसोला क्षेत्र के आदिवासी अंचल में स्वास्थ्य को लेकर चिकित्सा विभाग की अनदेखी एवं लापरवाही के चलते नीम हकीम एवं झोला छाप पैर पसार रहे है। चिकित्सक और नर्सिंगकर्मियों की कमी इस पूरे जिले के साथ धरियावद उपखण्ड को बीमार बना रही है। सरकार के दावों के ठीक उलट ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड हो रहा है। उपचार के लिए लोगों को भकटना पड़ता है या अन्यत्र जाना पडता है।जिससे लोगों के समय के साथ पैसों का भी नुकसान हो रहा है। दूसरी ओर चिकित्सा विभाग के पास अत्याधुनिक मूलभुत सुविधायुक्त भवन तो है, लेकिन पर्याप्त चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी नहीं होने की वजह से सुविधायुक्त भवन नाकारा बन रहे है। स्थिति में सुधार की बजाय बीमारी बढ़ रही है। अब तक विभागीय जिम्मेदार ग्रामीणों के प्राथमिक उपचार के लिए नर्सिंग स्टाफ भी नहीं जुटा पा रहा है। इसका नतीजा यह है कि पाटला बावडी़, अम्बाव, तालाबपुर सेन्टर बनने के बाद आज तक उपयोग में नहीं लिए गए है। धरियावद उपखण्ड के अणत, लिम्बरवाडा, आड़, भरकुण्डी, सेवानगर के सब सेन्टर्स बीते एक वर्ष से बन्द पड़े हुए है। इसी तरह समीपवर्ती ग्राम पंचायत देवला में स्थित आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अन्तर्गत पांच सब सेन्टर लोहागढ, झडोली, अम्बाव, तालाबपुर एवं पाटलाबावडी है।जो नर्सिंग स्ँटाफ नही होने से बन्द पड़े हुए है। देवला पीएचसी के अम्बाव, पाटलाबावडी एवं तालाबपुरा में करीब 25-25 लाख की राशि के ये तीन सब सेन्टर वर्ष 2016-17 में बनकर तैयार होकर विभाग को हैण्डओवर कर दिया गया थे। देवला पीएचसी प्रभारी कमलसिंह ने बताया कि ठेकेदार द्वारा हैण्ड ओवर करने के बाद कर्मचारियों के अभाव मे उपयोग में नहीं ले पाए है। वर्तमान में पीएचसी के साथ पांच सब सेन्टर पर एक भी एएनएम व जीएनएम नहीं है। जिससे आमजन को परेशान होना पड़ रहा है। कर्मचारियों की कमी की जानकारी उच्च अधिकारियों कई बार करवा दी है। देवला सरपंच नारायणलाल मीणा ने बताया कि 75 लाख रुपए की लागत से वर्ष 2016-17 में बने तीन अम्बाव, पाटलाबावडी एवं तालाबपुर सब सेन्टर्स को आधुनिक एवं सुविधायुक्त बनाया गया।लेकिन तीनों सेन्टर का एक भी दिन उपयोग नहीं होने से वर्तमान में नाकारा बन गए है। सेन्टर से दरवाजे, खिड़कियां की जालियां नदारद है। वर्तमान में देवला पीएचसी के साथ पांच सब सेन्टर पर कर्मचारियों का अभाव होने से लोगों को मजबूरन 25 किलोमीटर दूर भबराना एवं धरियावद जाना पड़ता है। पूरे धरियावद उपखण्ड 70 फिसदी पद रिक्त है। आबादी के अनुरूप 82 नर्सिंग पदों में 55 पद रिक्त है। जिसमें से स्वास्थ्य केन्द्र में शामिल 20 सबसेन्टर, तीन पीएचसी और दो सीएचसी में प्रसाविका नहीं है। इस संबंध में कई बार धरियावद ब्लॉक चिकित्सा प्रभारी एवं प्रतापगढ़ जिला चिकित्साधिकारी को ज्ञापन देकर रिक्त पदों पर नियुक्ति करवाने की मांग की गई है। धरीयावद ब्लॉक चिकित्साधिकारी डॉ. एस के जैन ने बताया कि चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मी की पूरे उपखण्ड में कमी है।जिसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को करवा दी गई है।
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