दूसरे दिन शाम को चलीं बसें
प्रतापगढ़Published: Jun 24, 2019 05:56:04 pm
ग्रामीणों को हुई परेशानमोटरसाइकिलों से पहुंचे लोगदलोट-प्रतापगढ़ मार्ग के निर्माण कार्य शुरू कराने का मामला
परिवहन विभाग ने बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों से की समझाइश
प्रतापगढ़
खस्ताहाल चल रहे प्रतापगढ़-दलोट मार्ग के निर्माण शुरू नहीं होने पर बस मालिकों की ओर से अनिश्चितकाल के लिए बसों का संचालन दूसरे दिन शाम को शुरू हुआ। दो दिन तक बंद के कारण ५२ किलोमीटर मार्ग पर बसों का संचालन नहीं हुआ। बंद के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस मार्ग पर खेरोटे, अरनोद, चूपना और दलोट कस्बों के बस स्टैंड सूने रहे। यहां आवाजाही भी बहुत कम देखी गई। गौरतलब है कि इस मार्ग का कार्य ६ माह पहले शुरू किया गया था। लेकिन इस रोड के लिए सरकार की ओर से बजट नहीं दिया गया। इसे देखते हुए कई बार आंदोलन भी हुए थे। लेकिन कार्य शुरू नहीं हुआ था। इसे देखते हुए निजी बस एसोसिएशन की ओर से रविवार से बसें बंद कर दी गई थी। परेशानी को देखते हुए परिवहन विभाग की ओर से बस एसोसिएशन पदाधिकारियों को कार्यालय में बुलाया गया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन अग्रवाल एवं पदाधिकारियों की जिला कलक्टर से बात हुई। इसके बाद बसों के प्रतापगढ़.रतलाम मार्ग पर बसों के अनिश्चित कालीन बंद को समाप्त कर शाम को नियमित संचालन शुरू किया गया। जिला परिवहन कार्यालय में वार्ता में प्राइवेट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष, संगठन मंत्री मदनलाल बारोलिया, बस मालिक शौकत खां, देवीलाल, शिवनारायण, अम्बालाल, बद्रीलाल, चांदमल टांक, हरीश धोबी, जिला परिवहन अधिकारी मनोज कुमार, परिवहन उप निरीक्षक रामराज खाती, विनयसिंह एवं अनिल मीणा उपस्थित रहे।
दलोट
बसों के संचालन बंद के निर्णय दूसरे दिन भी जारी रहा। दलोट बस स्टेण्ड पर दूसरे दिन भी बसों के इंतजार में यात्री भटकते रहे। इस क्षेत्र के अधिकतर लोग कामकाज मजदूरी के लिए बाहर जाते है। उन्हें दूसरे दिन भी बसों के संचालन बंद होने से निराशा दिखी। आवश्यक खरीदारी के लिए हो रही परेशानी।
साथ ही इस मार्ग के अनेकों गांवो के लोगो को दलोट एक बड़ा बाजार होने से छोटी से बड़ी आवश्यक खरीदारी करने के लिए यहा आना पड़ता है। जिसके लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। मौसम परिवर्तन के बाद किसानों को खाद-बीज, खादय् सामग्री आदि वस्तुओं लाने ले जाने में परेशानी हो रही है।
प्रतापगढ़-रतलाम मार्ग पर बसो के अलावा अन्य कोई साधन नहीं होने से यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इस मार्ग पर टेक्सी या अन्य कोई साधन नहीं है। मार्ग पर आने जाने के लिए या तो खुद के निजी वाहनों का सहारा ले रहे है। जिसका असर जेबों पर पड़ रहा है।