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पहले ऑफलाइन के नाम पर रूका काम
जानकारों के अनुसार भूमि अवाप्ति का काम पहले ऑफ लाइन था। एनएचएआई ने इसे ऑनलाइन करने को कहा। जब भूमि अवाप्ति अधिकारी के रूप में काम देख रहे उपखंड अधिकारी कार्यालय ने इसे ऑनलाइन किया तो अब वित्तीय स्वीकृति के अभाव में काम अटक गया। भूमि अवाप्ति अधिकारी कार्यालय की ओर से इस मामले में मार्गदर्शन मांगा था। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि जब तक एनएचएआई से मुआवजे की वित्तीय स्वीकृति नहीं आ जाए, तक तक मुआवजे की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जाए।
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223 खातेदारों को देने हैं 70 करोड़
बाईपास के लिए 10 गांवों के 223 खातेदारों की कुल 66.18 हेक्टर भूमि अवाप्त की गई थी। यह भूमि दो बार में अवाप्त की गई थी। पहले चरण में 153 खातेदारों की 57.41 हेक्टर भूमि और दूसरे चरण मे 70 खातेदारों की 8.77 हेक्टर जमीन अधिग्रहीत की गई थी। इन 223 खातेदारों को करीब 70 करोड़ रुपए का मुआवजा मिलना है। लेकिन अभी तक जमीन अवाप्ति की एवज में केन्द्र सरकार ने राशि नहीं दी। इसके चलते जमीन पर कब्जा लेने का काम अटका हुआ है। मौके पर अधिग्रहीत जमीन पर किसान काबिज हैं।
यह बाईपास चित्तौड़ रोड पर टोल प्लाजा से कुछ पहले शुरू होगा और अमलावद, बसाड़, मानपुरा, मनोहरगढ़ होते हुए बांसवाड़ा रोड पर टीमरवा के पास मिलेगा। यह बाइपास नीमच, मंदसौर, अरनोद व बांसवाड़ा रोड को जोडऩे में अहम भूमिका अदा करेगा। पहले तो यह बाईपास के तौर पर रहेगा। बाद में इसे राष्ट्रीय राजमार्ग 113 माना जाएगा। इस बाईपास के तहत पहले बगवास से अम्बेडकर सर्किल तक की रोड के चौड़ीकरण का कार्य भी होना था। इसके लिए भी भूमि अवाप्ति अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन सरकार ने इस निर्णय को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके चलते बगवास से अम्बेडकर सर्कल तक अवाप्त भूमि का मुआवजा राशि नहीं आएगी।
इस मामले में हमारी तरफ से सारा काम कंपलीट है। भूमि अवाप्ति से जुड़े किसानों के बैंक एकांउट आदि की जानकारी एकत्र कर ली गई है। अवाप्ति का काम ऑनलाइन किया जा चुका है। फिलहाल एनएचएआई से मुआवजा राशि नहीं आई है। ज्योंही राशि आएगी। तुरंत संबंधित खातेदार के बैंक एकाउंट में डाल दी जाएगी। इसके बाद भूमि का कब्जा लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
– विनोद मल्होत्रा, उपखंड अधिकारी व भूमि अवाप्ति अधिकारी, प्रतापगढ़