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इस वर्ष भी प्रतापगढ़ को नहीं मिल पाएगा बाईपास का तोहफा, केन्द्र के पास अटकी फाइल

locationप्रतापगढ़Published: Nov 01, 2019 07:06:14 pm

Submitted by:

Ram Sharma

भूमि का नहीं लिया कब्जा pratapgarh news in hindi

वीडियो स्टोरी: इस वर्ष भी प्रतापगढ़ को नहीं मिल पाएगा बाईपास का तोहफा, केन्द्र के पास अटकी फाइल

वीडियो स्टोरी: इस वर्ष भी प्रतापगढ़ को नहीं मिल पाएगा बाईपास का तोहफा, केन्द्र के पास अटकी फाइल


प्रतापगढ़. राष्ट्रीय राजमार्ग 113 पर शहर के बाहर बाईपास की सौगात इस बर्ष भी प्रतापगढ़ को मिलने की उम्मीद कम ही है। यह मामले में भूमि अवाप्ति का एक चरण पूरा हो चुका है। लेकिन केन्द्र सरकार से मुआवजे की राशि नहीं आने से मामला अटका हुआ है।
बाईपास के तहत आने वाली जमीन की अवाप्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। किसानों को अवाप्तशुदा जमीन का मुआवजा देने का काम बाकी है। मुआवजे का काम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(एनएचएआई) की ओर से किया जाना है। फिलहाल यह फाइल एनएचएआई में अटकी है। वहां से मुआवजे की स्वीकृति और वित्तीय राशि आनी बाकी है।

पहले ऑफलाइन के नाम पर रूका काम
जानकारों के अनुसार भूमि अवाप्ति का काम पहले ऑफ लाइन था। एनएचएआई ने इसे ऑनलाइन करने को कहा। जब भूमि अवाप्ति अधिकारी के रूप में काम देख रहे उपखंड अधिकारी कार्यालय ने इसे ऑनलाइन किया तो अब वित्तीय स्वीकृति के अभाव में काम अटक गया। भूमि अवाप्ति अधिकारी कार्यालय की ओर से इस मामले में मार्गदर्शन मांगा था। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि जब तक एनएचएआई से मुआवजे की वित्तीय स्वीकृति नहीं आ जाए, तक तक मुआवजे की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जाए।


निम्बाहेड़ा से गुजरात के दाहोद तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर किलोमीटर संख्या 72 से किलोमीटर संख्या 83 के बीच करीब 11 किलोमीटर दूरी तक बनाना प्रस्तावित है। राजस्थान सरकार ने प्रतापगढ़ में बाईपास निर्माण की स्वीकृति दे दी है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने भी बाईपास निर्माण के लिए जयपुर की एक फर्म से डीपीआर बनवा ली है। इस बाईपास निर्माण के लिए काम में ली जाने वाली भूमि के अधिग्रहण के लिए केन्द्र सरकार ने गत वर्ष 20 मार्च और 21 अगस्त 2018 को गजट में अधिसूचना निकाली थी। लेेकिन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया। इसके चलते सार्वजनिक निर्माण विभाग(राजमार्ग प्रखंड) इस भूमि का कब्जा नहीं ले पा रहा और बाईपास का निर्माण कार्य अटका हुआ है।

223 खातेदारों को देने हैं 70 करोड़
बाईपास के लिए 10 गांवों के 223 खातेदारों की कुल 66.18 हेक्टर भूमि अवाप्त की गई थी। यह भूमि दो बार में अवाप्त की गई थी। पहले चरण में 153 खातेदारों की 57.41 हेक्टर भूमि और दूसरे चरण मे 70 खातेदारों की 8.77 हेक्टर जमीन अधिग्रहीत की गई थी। इन 223 खातेदारों को करीब 70 करोड़ रुपए का मुआवजा मिलना है। लेकिन अभी तक जमीन अवाप्ति की एवज में केन्द्र सरकार ने राशि नहीं दी। इसके चलते जमीन पर कब्जा लेने का काम अटका हुआ है। मौके पर अधिग्रहीत जमीन पर किसान काबिज हैं।
यहां से यहां तक बनेगा बाइपास
यह बाईपास चित्तौड़ रोड पर टोल प्लाजा से कुछ पहले शुरू होगा और अमलावद, बसाड़, मानपुरा, मनोहरगढ़ होते हुए बांसवाड़ा रोड पर टीमरवा के पास मिलेगा। यह बाइपास नीमच, मंदसौर, अरनोद व बांसवाड़ा रोड को जोडऩे में अहम भूमिका अदा करेगा। पहले तो यह बाईपास के तौर पर रहेगा। बाद में इसे राष्ट्रीय राजमार्ग 113 माना जाएगा। इस बाईपास के तहत पहले बगवास से अम्बेडकर सर्किल तक की रोड के चौड़ीकरण का कार्य भी होना था। इसके लिए भी भूमि अवाप्ति अधिसूचना जारी की गई थी। लेकिन सरकार ने इस निर्णय को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके चलते बगवास से अम्बेडकर सर्कल तक अवाप्त भूमि का मुआवजा राशि नहीं आएगी।

अभी तक मुआवजा राशि नहीं आई
इस मामले में हमारी तरफ से सारा काम कंपलीट है। भूमि अवाप्ति से जुड़े किसानों के बैंक एकांउट आदि की जानकारी एकत्र कर ली गई है। अवाप्ति का काम ऑनलाइन किया जा चुका है। फिलहाल एनएचएआई से मुआवजा राशि नहीं आई है। ज्योंही राशि आएगी। तुरंत संबंधित खातेदार के बैंक एकाउंट में डाल दी जाएगी। इसके बाद भूमि का कब्जा लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
– विनोद मल्होत्रा, उपखंड अधिकारी व भूमि अवाप्ति अधिकारी, प्रतापगढ़
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