scriptकुपोषण के खिलाफ पोषण स्वास्थ्य विभाग को अभियान | Campaign of Nutrition Health Department against malnutrition | Patrika News

कुपोषण के खिलाफ पोषण स्वास्थ्य विभाग को अभियान

locationप्रतापगढ़Published: Sep 09, 2018 11:21:31 am

Submitted by:

Rakesh Verma

– सितम्बर को पोषण माह के रूप में मना रहे

pratapgarh

कुपोषण के खिलाफ पोषण स्वास्थ्य विभाग को अभियान

प्रतापगढ़. राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत चिकित्सा विभाग ने कवायद शुरू की है। अभियान के तहत 6 से 59 माह तक के बच्चों के वजन की निगरानी, एनिमिया की रोकथाम, गर्भवती माताओं को पोषण ग्रहण की जानकारी देने, गर्भवती धात्री माताओं को जन्म उपरांत एक घंटे के अंदर स्तनपान कराने आदि के संबंधित जानकारी दी जा रही है। इसी के तहत शनिवार को सीएचसी पृथ्वीपुरा सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों की जांच की गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वी के जैन ने बताया कि अभियान का मकसद बच्चों में कुपोषण पर लगाम लगाना और महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों में खून की कमी दूर करना है। इसके तहत सितम्बर को जन आंदोलन के अंतर्गत पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। इसमें महिला बाल विकास विभाग तथा चिकित्सा विभाग की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सीएमएचओ ने बताया कि इस अभियान के तहत गांव स्तर तक आयोजित होने वाले ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पोषण दिवस वीएचएसएनडी पर आंगनवाड़ी स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी एवं एएनएम टीकाकरण, एएनसी, पीएनसी हाई रिस्क प्रेग्नेन्सी एवं स्वास्थ्य प्रतिरक्षण एवं कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर एमटीसी में रैफर करवाएंगी।
सौ बीमारियों की जड़ है कुपोषण
शरीर के लिए आवश्यक संतुलित आहार लम्बे समय तक नहीं मिलने से बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। बच्चों और स्त्रियों के अधिकांश रोगों की जड़ में कुपोषण ही होता है। स्त्रियों में रक्ताल्पता या घेंघा रोग अथवा बच्चों में सूखा रोग या रतौंधी और यहाँ तक कि अंधत्व भी कुपोषण के ही दुष्परिणाम हैं। कुपोषण बच्चों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। यह जन्म या उससे भी पहले शुरू होता है और 6 महीने से 3 वर्ष की अवधि में तीव्रता से बढ़ता है।
चरणबद्ध तरीके से चलेगा अभियान
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वीके जैन ने बताया कि सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाने का उददेश्य वर्तमान एवं अगले तीन वर्षों में 0 से 6 माह के बच्चों में स्टटिंग को 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष, अंडरवेट 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष एवं लो बर्थ वेट को 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष ही दर से कम करना है। इसी के साथ 6 से 59 माह तक के बच्चों में एनिमिया में 3 प्रतिशत की दर से तथा 15 से 49 वर्ष उम्र की महिलाओं में एनिमिया में 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से कमी लाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो