प्रतापगढ़. भेड़े चराने के लिए एक गडरिये के यहां गिरवी रखे गए चार आदिवासी बालकों में से दो और बालकों को सोमवार को मुक्त करा लिया गया। एक बालक पहले ही छुड़ाया जा चुका था। अब एक और बालक गडरिये के यहां गिरवी है। इस बीच सोमवार को लाए गए दो बालकों को मंगलवार को प्रतापगढ़ की बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा।
चाइल्ड लाइन संस्था वाग्धारा के कार्यक्रम समन्वयक परमेश पाटीदार ने बताया कि बालक लक्ष्मण(14) पिता तोलाराम निनामा निवासी भैठेसला और दूसरा बालक लक्ष्मण(15) पिता नानका डामोर निवासी भैठेसला को सोमवार को इंदौर से यहां लाया गया। इंदौर लाने के लिए चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ता उदयलाल साथ गए थे। चाइल्ड लाइन के सदस्य कमलेश बुनकर ने बताया कि दोनों बच्चों को मंगलवार को प्रतापगढ़ की बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब एक और बालक फिलहाल इंदौर इलाके में
है।
इससे पहले तेरह वर्षीय बालक मोहन को उसके पिता मांगीलाल और अन्य परिजन चाइल्ड लाइन संस्था के प्रतिनिधियों के साथ लेकर शनिवार को प्रतापगढ़ लाए थे। बालक को यहां बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। बालक मोहन और उसके पिता से बातचीत के बाद समिति ने बालक को उसके पिता को सुपुर्द कर दिया। वे उसे लेकर गांव चले गए।
गौरतलब है कि जिले के पीपलखूंट थाना क्षेत्र के भैंह ठैसला गांव निवासी मांगीलाल के पुत्र मोहन और तीन अन्य बालकों को चंद रुपयों के लालच में एक गडरिए के यहां गिरवी रख दिया गया था। गडरिया इन्हें लेकर मध्यप्रदेश की ओर चला गया। वहां गडरिये की प्रताडऩा से तंग आकर बालक मोहन भागकर इंदौर आ गया था। वहां चाइल्ड लाइन संस्था के सहयोग से इंदौर की बाल कल्याण समिति ने एक एनजीओ को अपनी संरक्षा में रखने के आदेश दिए थे। इस बीच बांसवाड़ा की चाइल्ड लाइन संस्थान वाग्धारा के सहयोग से इन बालकों के परिवार का पता लगाया गया था।
चाइल्ड लाइन संस्था वाग्धारा के कार्यक्रम समन्वयक परमेश पाटीदार ने बताया कि बालक लक्ष्मण(14) पिता तोलाराम निनामा निवासी भैठेसला और दूसरा बालक लक्ष्मण(15) पिता नानका डामोर निवासी भैठेसला को सोमवार को इंदौर से यहां लाया गया। इंदौर लाने के लिए चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ता उदयलाल साथ गए थे। चाइल्ड लाइन के सदस्य कमलेश बुनकर ने बताया कि दोनों बच्चों को मंगलवार को प्रतापगढ़ की बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब एक और बालक फिलहाल इंदौर इलाके में
है।
इससे पहले तेरह वर्षीय बालक मोहन को उसके पिता मांगीलाल और अन्य परिजन चाइल्ड लाइन संस्था के प्रतिनिधियों के साथ लेकर शनिवार को प्रतापगढ़ लाए थे। बालक को यहां बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। बालक मोहन और उसके पिता से बातचीत के बाद समिति ने बालक को उसके पिता को सुपुर्द कर दिया। वे उसे लेकर गांव चले गए।
गौरतलब है कि जिले के पीपलखूंट थाना क्षेत्र के भैंह ठैसला गांव निवासी मांगीलाल के पुत्र मोहन और तीन अन्य बालकों को चंद रुपयों के लालच में एक गडरिए के यहां गिरवी रख दिया गया था। गडरिया इन्हें लेकर मध्यप्रदेश की ओर चला गया। वहां गडरिये की प्रताडऩा से तंग आकर बालक मोहन भागकर इंदौर आ गया था। वहां चाइल्ड लाइन संस्था के सहयोग से इंदौर की बाल कल्याण समिति ने एक एनजीओ को अपनी संरक्षा में रखने के आदेश दिए थे। इस बीच बांसवाड़ा की चाइल्ड लाइन संस्थान वाग्धारा के सहयोग से इन बालकों के परिवार का पता लगाया गया था।
एनएच 113 पर अनाज से भरा ट्रक पलटा छोटीसादड़ी. क्षेत्र से होकर गुजर रहे एनएच 113 पर बरेखन फंटे के समीप सोमवार सुबह अनाज से भरा एक ट्रक पलट गया। उसमें भरी अनाज की बोरियां हाईवे पर बिखर गई।जबकि चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। हाईवे से अनाज से भरा एक ट्रक जा रहा था। इस दौरान बरेखन फंटे के समीप यह अनियंत्रित होकर हाइवे के बीचोंबीच ही पलट गया। इससे उसमें भरी अनाज की बोरियां फट गई और हाइवे पर ही बिखर गई। इस घटना में चालक भी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके बाद हाईवे से गुजर रहे राहगीरों की सूचना पर 108 एंबुलेंस के पायलट ललितसिंह व एएमटी कमलेश धनगर एंबुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे। घायल चालक रोशनलाल जैन निवासी भिंडर को छोटीसादड़ी चिकित्सालय में भर्ती कराया। इस घटना के बाद हाईवे पर काफी देर तक अनाज की बोरिया पड़ी रही। इससे परेशानी हुई।