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ग्रामीण क्षेत्र में परेशानी ज्यादा
गांवों में अधिकांश बच्चे सरकारी स्कूलों पर निर्भर हैं। इन स्कूलों की दूरी आमतौर पर घरों से एक-दो किलोमीटर तक होती है। ऐसे में बच्चों को दोपहर में पैदल चलना पड़ता है। अधिकतर सरकारी स्कूलों में पंखों की सुविधा भी नहीं होती। वहां भी बच्चों को गर्मी में ही दिन बिताना पड़ता है। उनकी असली परीक्षा स्कूल की छुट्टी के समय होती है, जब दोहपर एक बजे बच्चे स्कूल से छूटते हैें। उस समय धूप तेज होती है। गर्म हवाएं भी खूब चलती है। ऐसे में बच्चों के लिए घर तक पहुंचना एक युद्ध जीतने के बराबर हो जाता है।
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दो घंटे तक कम हो सकता है समय
प्रदेश के कई जिलों में गर्मी को देखते हुए स्कूलों का समय बदल दिया गया है। लेकिन प्रतापगढ़ में ऐसा नहीं किया गया। जबकि यहां इन दिनों अन्य जिलों के मुकाबले गर्मी भी ज्यादा ही पड़ी है। पिछले दिनों तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया था। हालांकि दो दिन से थोड़ी राहत है। अभिभावकों का मानना है कि गर्मी के दौरान स्कूलों की समयावधि एक से दो घंटे कम कर दी जाए तो बच्चों को राहत मिल सकती है। बारह बजे या उससे पहले स्कूलों की छुट्टी हो जाए तो उन्हें गर्मी की मार कम झेलनी पड़ेगी।
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अब तो थोड़े दिन ही चलेंगे स्कूल
जिले में अब कुछ दिन बाद गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी। वैसे भी इन दिनों शादी विवाह के सीजन के चलते बच्चे कम आ रहे हैं। इसलिए स्कूलों का समय नहीं बदला।
– डॉ शांतिलाल शर्मा ,जिला शिक्षाअधिकारी, माध्यमिक शिक्षा, प्रतापगढ़
ग्रामीण क्षेत्र में परेशानी ज्यादा
गांवों में अधिकांश बच्चे सरकारी स्कूलों पर निर्भर हैं। इन स्कूलों की दूरी आमतौर पर घरों से एक-दो किलोमीटर तक होती है। ऐसे में बच्चों को दोपहर में पैदल चलना पड़ता है। अधिकतर सरकारी स्कूलों में पंखों की सुविधा भी नहीं होती। वहां भी बच्चों को गर्मी में ही दिन बिताना पड़ता है। उनकी असली परीक्षा स्कूल की छुट्टी के समय होती है, जब दोहपर एक बजे बच्चे स्कूल से छूटते हैें। उस समय धूप तेज होती है। गर्म हवाएं भी खूब चलती है। ऐसे में बच्चों के लिए घर तक पहुंचना एक युद्ध जीतने के बराबर हो जाता है।
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दो घंटे तक कम हो सकता है समय
प्रदेश के कई जिलों में गर्मी को देखते हुए स्कूलों का समय बदल दिया गया है। लेकिन प्रतापगढ़ में ऐसा नहीं किया गया। जबकि यहां इन दिनों अन्य जिलों के मुकाबले गर्मी भी ज्यादा ही पड़ी है। पिछले दिनों तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया था। हालांकि दो दिन से थोड़ी राहत है। अभिभावकों का मानना है कि गर्मी के दौरान स्कूलों की समयावधि एक से दो घंटे कम कर दी जाए तो बच्चों को राहत मिल सकती है। बारह बजे या उससे पहले स्कूलों की छुट्टी हो जाए तो उन्हें गर्मी की मार कम झेलनी पड़ेगी।
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अब तो थोड़े दिन ही चलेंगे स्कूल
जिले में अब कुछ दिन बाद गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी। वैसे भी इन दिनों शादी विवाह के सीजन के चलते बच्चे कम आ रहे हैं। इसलिए स्कूलों का समय नहीं बदला।
– डॉ शांतिलाल शर्मा ,जिला शिक्षाअधिकारी, माध्यमिक शिक्षा, प्रतापगढ़