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प्रतापगढ़

रंगतेरस कल, रंग-गुलाल से सजे बाजार

-खरीदारी की रही रौनक

प्रतापगढ़Mar 14, 2018 / 10:06 am

Rakesh Verma

pratapgarh
प्रतापगढ़. जिले में गुरूवार को रंगतेरस का पर्व मनाया जाएगा। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में रंग तेरस पर्व पर रंग खेला जाएगा। रंगतेरस को लेकर शहर के बाजारों में मंगलवार को खरीदारी के लिए खासी रौनक रही। रंगतेरस को लेकर खासकर बच्चों और युवाओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। शहर के बाजारों में पिचकारियों, रंग, गुलाल आदि की खूब बिक्री हुई।
खेलते है रंगतेरस
देश भर में जहां होली का पर्व रंगों की बौछार के साथ मनाया जाता है। वहीं प्रतापगढ़ जिले में शाही खानदान के चिराग की याद में शोक मनाता है। जिसके चलते जिले में करीब दो सौ साल से होली का पर्व नहीं मनाया जा रहा है। परम्परा के अनुसार 13 वें दिन रंगतेरस के अवसर पर जिले में होलिकोत्सव मनाया जाता है।
चौराहे पर रह रही है रौनक
रंगतेरस को लेकर शहर के गांधी चौराहे पर रंग-गुलाल और पिचकारियों की कई दुकानें लगी है। लोगों ने रंगतेरस पर रंग खेलने के लिए अपनी पसंद के अनुसार खरीदारी की। दुकानों पर सुबह से रात तक खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही।
किराने की दुकानों पर भी खरीदारी
रंगतेरस पर मेहमानों की मनुहार करने के लिए मिठाइयों और किराना की दुकानों पर खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही हैं, वहीं घरों में पकवानों की खुशबू उड़ती रही।
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13665 कुल हैंडपंप
206 हैंडपम्प नाकारा
1334 हैंडपम्प सूखे
फोटो…
गांवों में सूखते हलक, रीतते हैंडपम्प
-जिले के विभिन्न गांवों में पेयजल किल्लत से ग्रामीण परेशान
-पेयजल समस्याग्रस्त क्षेत्रों में टेंकरों से जलापूर्ति की कवायद
प्रतापगढ़.
गर्मी की दस्तक के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट गहराने लगा है। जहां भूमिगत जलस्तर कम होने के कारण हैंडपम्प नाकारा होने लगे हैं वहीं कुए, तालाब, बावडिय़ां आदि जलस्त्रोत सूखने लगे हैं। जिसके चलते लोगों को पेयजल के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासन व जलदाय विभाग की ओर से इन अभावग्रस्त गांवों में पेयजल समस्या निराकरण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं और पेयजल संकटग्रस्त गांवों में टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जा रही है।
यह है स्थिति
-जिले के अधीन 5 तहसीलों प्रतापगढ़, अरनोद, छोटीसादड़ी, धरियावद एवं पीपलखूंट के 970 गांवों की कुल आबादी 8 लाख 7 हजार के करीब है।
-महज 8 गांव पाईप्ड योजना व 26 गांव क्षेत्रीय योजनाओं से लाभान्वित हैं।
-41 गांव जेजवाय व पनघट तथा 895 गांव हैंडपम्पों पर निर्भर हैं।
-जिनमें कुल 13 हजार 665 हैंडपम्प लगे हुए हैं।
-ये गांवों की संख्या व आबादी के अनुपात में नाकाफी हंै।
यह है समस्या
जिले में जलस्तर नीचे जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या बनी हुई है। गर्मी में जलस्त्रोत सूख जाने से पानी की और ज्यादा कमी से स्थिति विकट हो जाती है। गांवों में जलापूर्ति के सबसे बड़े स्त्रोत हैंडपम्पों का पानी रीत जाता है या कम हो जाता है वहीं पेयजल के अन्य स्त्रोत कुए, तालाब, बावडिय़ां आदि जलस्त्रोत भी सूख जाते हैं या सूखने के कगार पर पहुंच जाते हैं। जिसके चलते ग्रामीणों को पानी के लिए भटकने पर मजबूर होना पड़ता है।
हालात गंभीर
-वर्तमान में कुल स्थापित 13 हजार 665 हैंडपम्पों में से 1334 हैण्डपम्प सूखे व 206 अभी से नाकारा हो चुके हैं।
-वहीं 7092 के करीब हैंडपम्प खराब पाए गए। जिनमें से 7067 हैंडपम्पों को जलदाय विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाकर दुरुस्त किया गया है और बाकी को भी सुधारा जा रहा है।

आखिरी विकल्प का सहारा
अरनोद और सालमगढ़ में टैंकरों से जल परिवहन कर टैंकरों से पानी पहुंंचाने की कवायद की जा रही है। अरनोद में प्रतिदिन 20 और सालमगढ़ में प्रतिदिन 17 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है।

स्थायी समाधान के प्रयास
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए मुख्यमंत्री की सरकार आपके द्वार के दौरान घोषणा के अनुसार जिले के 554 गांवों में जाखम बांध से जलापूर्ति की कवायद की जा रही है। इससे प्रतापगढ़ के 272, अरनोद के 180 एवं पीपलखूंट के 102 गांव लाभान्वित होंगे।
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नहीं आने दी जाएगी परेशानी
पेयजल समस्याग्रस्त क्षेत्रों में किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। ऐसे स्थानों पर टेंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। समस्या के स्थायी समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।
शांतिलाल ओस्तवाल, अधिशाषी अभियंता, जलदाय विभाग, प्रतापगढ़
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