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राजस्थान में यहां थाने में पुलिस ने खुद ही की तोड़—फोड़, फिर आरोप मढ़ दिया आदिवासियों पर

locationप्रतापगढ़Published: Jun 22, 2018 05:38:44 pm

धरने के दौरान कांग्रेस एससी प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष ने लगाया आरोप
 

congress protest in pratapgarh in front of police station

congress protest in pratapgarh in front of police station

सालमगढ़/प्रतापगढ़। गत दिनों बड़ी साखथली में कुछ बच्चों के साथ मारपीट और एक बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोप के मामले में वंचित आरोपितों की गिरफ्तारी व सालमगढ़ थाने का स्टाफ बदलने, उप अधीक्षक का तबादला करने की मांग को लेकर गुरूवार को कांग्रेस के एससी प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष रामलाल मीणा, गोपीलाल माीणा के नेतृत्व में थाने के बाहर धरना दिया गया। इस दौरान रामलाल ने आरोप लगाते लगाया कि थाने में घुसकर कोई उपद्रव नहीं किया गया। पुलिस ने ही गाड़ियों में तोड़ फोड़ की है। अब पुलिस इसका आरोप आदिवासियों पर लगा रही है। धरने के दौरान आदिवासी समाज के कई लोग भी धरने पर बैठे। बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोप के मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी करने, पुलिसकर्मियों के तबादले की मांग को लेकर दो घंटे बाद धरना स्थल को बदलकर अटल सेवा केंद्र के पास किया गया। धरने को लेकर रामलाल मीणा का कहना है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, धरना जारी रहेगा। इसके साथ ही अनशन भी किया जाएगा। इस मौके पर आसपास के कई गांवों से लोगों ने भाग लिया।

निगम कर्मचारियों ने दिया धरना

प्रतापगढ़ राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ की ओर से गुरुवार को विद्युत निगम कार्यालय के सामने धरना दिया गया। कार्यकारी जिलाध्यक्ष श्याम जाटव ने बताया कि एक दिवसीय धरने के बाद विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। विद्युत् श्रमिक महासंघ की 21 सूत्रीय मांगों के समर्थन में धरना दिया गया। जिसमे मुख्य मांग विद्युत निगम का निजीकरण, तकनिकी कर्मचारियों की 2400 ग्रेड पे, मेडिक्लेम पॉलिसी, फीडर इंचार्ज पोस्ट को सर्विस बुक में इंद्राज करने आदि मांगें शामिल है। इस मौके पर जिला संरक्षक युसूफ मोहमद, जिला सलाहकार डूंगरसिंह, जिला महामंत्री राजहंस किकावट, जिला अध्यक्ष हेमेंद्रसिंह राव, ब्रजमोहन मीणा आदि मौजूद थे।

ठेकेदार-पार्षदों की लड़ाई में रूक न जाए विकास
पिछले दो-तीन दिनों से नगरपरिषद ठेकेदारों और पार्षदों के बीच वार्डों में चल रहे निर्माण कार्यों की पार्षदों से तस्दीक को लेकर अंर्तद्वंद थम नहीं रहा है। ठेकेदार जहां पार्षदों से निर्माण कार्य की तस्दीक को अवैधानिक बताते हुए इसे बंद करने पर अड़े हैं, वहीं पार्षद इन आरोपों को निराधार बता रहे हैं। ठेकेदारों ने कोई समाधान नहीं होने पर एक जुलाई से शहर में निर्माण कार्य बंद करने की चेतावनी दे रखी है। ऐसे में यदि जल्द समस्या का माकूल हल नहीं निकला तो निर्माण कार्य बंद होने पर शहर का विकास अवरुद्ध हो सकता है।
बोर्ड बैठक में लिया था प्रावधान
राज्य की कुछ और नगर निकायो के अनुसरण में नगरपरिषद की गत वर्ष आयोजित बोर्ड बैठक में सभी पार्षदों की सहमति से शहर के वार्डों में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कार्य पूर्ण होने पर पहली बार पार्षदों की तस्दीक कराने का प्रस्ताव लिया गया था। जिसके अनुसार निर्माण कार्य पूरा होने पर नगरपरिषद के तकनीकी अधिकारी के जांच के बाद बिल प्रस्तुत करने से पहले पार्षद के गुणवत्ता से संतुष्ट होने के लिए उसकी तस्दीक जरुरी की गई। ताकि गुणवत्ता पर नियंत्रण रह सके। तस्दीक के बाद ही निर्माण कार्य का बिल पास हो सकता है।
गुणवत्ता नहीं दिखने पर करते हैं शिकायत
वार्ड पार्षदों के अनुसार कार्य में गुणवत्ता नहीं होने पर वे शिकायत करते हैं। कार्य की गुणवत्ता में सुधार होने पर ही तस्दीक की जाती है। इससे कार्यों की गुणवत्ता में सुधार आया है। ऐसे में कार्यों की गुणवत्ता के लिए तस्दीक कार्य जरुरी है।

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