घटना स्थल पर दुकान के बिलकुल पास से बिजली की लाइन गुजर रही है। दुकान का काम करवाने वालों और ठेकेदार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। बिजली से सुरक्षा का कोई उपाय नहीं किया। अजमेर डिस्कॉम के अधिशासी अभियंता ने रविशंकर गुप्ता ने बताया कि दुकान का काम ठीक बिजली लाइन के नीचे हो रहा था। इसके लिए पहले भी ठेकेदार को पाबंद कर काम रूकवा था। इसके बावजूद उसने काम जारी रखा। वहां बिजली की लाइन पहले से ही गुजर रही थी। कोई भी निर्माण होने से पहले इसे देखा जाना चाहिए था। इस मामले में डिस्काम के कनिष्ठ अभियंता की ओर से प्रतापगढ़ थाने में ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज करवाया गया।
जिला मुख्यालय पर डिस्कॉम ने रविवार को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक बिजली कटौती घोषित की थी। लेकिन बिजली की टेस्टिंग के लिए सुबह 11 बजे थोड़ी देर के लिए बिजली चालू की और उसी समय यह हादसा हो गया।
मुआवजे को लेकर अड़े परिजन, शाम को हुआ पोस्टमार्टम
हादसे के बाद पुलिस की ओर से दोनों युवतियों को जिला चिकित्सालय पोस्टमार्टम के ले जाया गया था। जहां परिजन चिकित्सालय पहुंच मुआवजे की मांग करने लगे। शाम तक मुआवजे की मांग पर ठेकेदार व परिजनों की बीच समझौता चलता रहा, लेकिन मुआवजा राशि कम होने के कारण एक युवती के परिजन पोस्टमार्टम नहीं कराने की बात कहते हुए जिला चिकित्सालय से निकल गए।इसके बाद बांसवाड़ा रोड पर डिप्टी व शहर कोतवाल ने मौके पर पहुंच परिजनों से समझाईश की। उन्हें जिला चिकित्सालय ले जाया गया। जहां मुआवजे की राशि पर सहमति बनने के बाद शाम को पोस्टमार्टम करवाया गया।
युवतियों की मौके पर मौत होने के सूचना पर शहर कोतवाल मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद शवों को जिला चिकित्सालय ले जाया गया था। इस दौरान मौके पर ना तो पुलिस का व ना ही प्रशासन का कोई अधिकारी दिखा। इसके बाद एक युवती के परिजन मुआवजे की राशि को लेकर बिना पोस्टमार्टम करवाए जिला चिकित्सालय से बाहर निकल गया था। हालांकि इसकी सूचना मिलने पर डिप्टी व शहर कोतवाल ने लोगों को बांसवाड़ा रोड पर समझाइश कर जिला चिकित्सालय भेज दिया था। जिसके बाद प्रशासन से जिला चिकित्सालय में पटवारी मौके पर पहुंचे।