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बैंक से किसान के रूपए उड़ाने वाले चार आरोपी गिरफ्तार, अंतरराज्यीय चोर गिरोह के सदस्य है आरोपी

locationप्रतापगढ़Published: Apr 27, 2022 08:25:44 pm

Submitted by:

Ram Sharma

– crime news बैंकों, शादियों और बस स्टैंडों जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर करते हैं वारदात- एमपी के राजगढ़ के है आरोपी

बैंक से किसान के रूपए उड़ाने वाले चार आरोपी गिरफ्तार, अंतरराज्यीय चोर गिरोह के सदस्य है आरोपी

बैंक से किसान के रूपए उड़ाने वाले चार आरोपी गिरफ्तार, अंतरराज्यीय चोर गिरोह के सदस्य है आरोपी


प्रतापगढ़. गत दिनों शहर के पीएनबी बैंक के पास एक किसान के बैग से रुपए चुराने के मामले में चार आरोपियों को प्रतापगढ़ थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी एक गिरोह के रूप में काम करते हैं, जोकि बैंकों, शादियों और बस स्टैंड आदि भीड़ भाड़ वाली जगहों में वारदात को अंजाम देते हैं। इन आरोपियों को पुलिस ने आगरा से गिरफ्तार किया है।
जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि गत मार्च को अचलपुर निवासी रामनारायण (25)पिता प्रभुलाल तेली ने प्रकरण दर्ज करवाया कि वह अपने भाई गोपाललाल के साथ दोपहर 12 बजे करीब पीएनबी शाखा प्रतापगढ पहुंचे, जहां पर केसीसी के 02 लाख 14 हजार रुपए बैंक से लेकर मैंने बैग में रख लिए थे। करीब 12.38 बजे पीछे से किसी अज्ञात महिला ने बैग की चैन खोल कर उसमें रखी राशि निकाल ली। यह घटना बैंक में केस काउण्टर के पास की है। इस घटना का पता हमें पांच मिनट बाद पता लगा। उसके बाद मैंने बैंक मैनेजर व मेरे भाई गणपतलाल को सूचना दी। आस पास तलाश भी की लेकिन कोई पता नही चला है। इस पर प्रतापगढ़ थाना पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
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इस तरह खुला राज….
घटना को गंभीरता से लेते हुए शहर कोतवाल रविंद्र सिंह चौधरी ने टीम का गठन कर पीएनबी बैंक के आस पास भेजा गया। टीम ने आस पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो सीसीटीवी फुटेज में दो महिलाएं बैग से पैसे निकालकर ले जाती नजर आई। ये दोनों महिलाएं एवं उनकी गैंग के सदस्य एक कार में बैठकर जाती हुई नजर आई। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों महिलाओं और इनके गिरोह के सदस्यों की गोपनीय व सूचना के आधार पर पहचान की गई तो यह गैंग मध्यप्रदेश राज्य के जिला राजगढ तहसील नृसिंहगढ के गांव कडियासांसी की निकली। इसमें मनोरमा उर्फ गुड्डी बाई पत्नी मनोज सिसोदिया, गुंजा पत्नी मनदीप सिंह सिसोदिया, मनदीप सिंह पिता मनोज सिसोदिया, मनोज पिता कोकन सिंह सिसोदिया की पहचान की गई एवं इन्हीं की गैंग के अन्य सदस्यों की भी पहचान की गई, जो इनके गांव के थे। इस पर एसएचओ मय टीम के रवाना हुए। टीम गांव कडीयासांसी पहुंची, जहां पर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बारीकी से संदिग्धों का पता लगाया और तीन दिन तक टीम वहीं डटी रही। साइबर सेल प्रतापगढ व स्थानीय मुखबिरों की मदद से जानकारी एकत्रित की। स्थानीय पुलिस व लोगों से ज्ञात हुआ कि गांव कडिया सांसी, गुलखेडी व हुलखेडी में सिर्फ सांसी समाज के लोग रहते है जो अपने नाम के आगे सरनेम सिसोदिया लगाते है। ये बैंक से निकले वाले लोगों का बैग से पैसा निकालना और शादियों में ज्वैलरी के बैग चुराना इनका पेशा है।
तलाशी के दौरान ज्ञात हुआ कि महीना भर पहले प्रतापगढ में पीएनबी बैंक में हुई वारदात में मनोज सिसोदिया के भाई दिलीप का लडका दीपक, जगजीवन का लडका चंदन व मोनू पिता शोभाराम सिसोदिया, हरवीर पिता शिवचरण सिसोदिया निवासीयान कडिया सांसी भी शामिल थे। जो आरोपी चंदन की बलेनो गाडी से इनके साथ गये थे। इन्होंने रैकी की और मनोरमा उर्फ गुड्डी व गुंजा ने मनोज व मनदीप के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। पता चला कि ये आरोपी वर्तमान में आगरा में है। इस पर एसएचओ मय टीम के आगरा पहुंचे। वहां एमपी केे कडियासांसी गांव के रहने वाले दीपक पिता दिलीप उर्फ पोला सिसोदिया, मोनु पिता शोभाराम सिसोदिया, चंदन सिंह पिता जगजीवन सिंह सिसोदिया, हरवीर सिंह पिता शिवचरण सिंह सिसोदिया को डिटेन कर पूछताछ की तो हर चारों ने इस घटना में शरीक होना स्वीकार किया। इस पर चारों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें रिमांड पर लेकर और पूछताछ की जा रही है।
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बैंकों में समूह में करते हैं वारदात…
इस गैंग के सदस्य छोटी से छोटी वारदात में भी चार पांच जने साथ मिलकर करते हैं। एक दो लोग बैंक के अंदर रहते है जो भी व्यक्ति बैंक से रुपए लेकर बैग में रखकर बाहर निकलता है तो अंदर वाले लोग इनकी गैंग के बाहर खडे लोगों को इशारों में समझाते है। मौका मिलते ही बैग से राशि पार कर लेते हैं। यह राशि वे तुरंत एक दूसरे को दे देते हैं, जिससे किसी को शक नहीं हो। अगर कोई व्यक्ति अपने हाथ में रुपए से भरा बैग लेकर पैदल जा रहा है और इन लोगों को लगता है कि यह व्यक्ति कहीं रूकेगा नहीं तो भीड़ वाले स्थान पर ये लोग मुंह में पारले बिस्कुट पानी के साथ घोलकर रखते है और बैग लेकर जा रहे व्यक्ति के कपडों पर हल्का सा पीक थूक देते है। इससे व्यक्ति का ध्यान बंटता है और वे बैग में से राशि चुरा लेते हैं।
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विवाह समारोहों में चुराते हैं ज्वैलरी…
इस गैंग के सदस्य शहरों में आयोजित होने वाली शादियों में शामिल होकर दुल्हन के आभूषण रखे बैग व नगदी चोरी करने के आदी है। ये लोग जिस जाति समाज का प्रोग्राम होता है उन्हीं अनुरूप अपना पहनावा पहनते है, जिससे किसी को शक नहीं हो। शादी में गैंग के तीर चार सदस्य शरीक हो जाते है। एक व्यक्ति बाहर पहले से तयशुदा जगह पर कार लेकर खड़ा रहता है। फोटोग्राफी, खाना खाने के समय या मेहमानों की आवभगत में ज्यों ही दुल्हन के नजदीकी रिस्तेदारों की नजर हटते ही ये लोग आभूषण व नगदी से भरा बैग पार कर देते है और एक दूसरे को पास दे देते है। जिससे नजदीकी संदिग्ध की तलाशी ली भी जाए तो उसके पास कुछ नहीं मिलता है और उस पर कोई शक नहीं होता है।

बस स्टैंड पर भी देते हैं वारदात को अंजाम
इस गैंग के सदस्य बस स्टैंड और रेल्वे स्टेशन पर सवारियों के उतरते व चढ़ते समय भीड में नजर बचाकर कर बैग में हाथ डालकर आभूषण व नकदी चुरा लेते है, जहां हर व्यक्ति यह सोचता है कि यहां पर इतनी भीड में कौन चोरी करेगा। इसके अलावा किसी दुकान पर सामान खरीदते वक्त भीड़ में नजर बचाकर बैग से नकदी चुराने के आदी है। इनके अलावा ये लोग छोटी मोटी वारदात शातिराना तरीके से करते है जिसका अनुमान लगाना ही मुश्किल है।
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