scriptनिजी विद्यालय की मनमानी पर निदेशालय का शिकंजा | Directorate screws on arbitrariness of private school | Patrika News
प्रतापगढ़

निजी विद्यालय की मनमानी पर निदेशालय का शिकंजा

-तीन वर्षो तक फीस वृद्धि नहीं करने का देना होगा शपथ पत्र

प्रतापगढ़Nov 06, 2019 / 12:03 pm

Rakesh Verma

निजी विद्यालय की मनमानी पर निदेशालय का शिकंजा

निजी विद्यालय की मनमानी पर निदेशालय का शिकंजा

प्रतापगढ़. शहर की एक ख्यातनाम स्कूल के खिलाफ निर्धारित से ज्यादा फीस वृद्धि और स्टेशनरी व पुस्तकें बाजार से एक खास दुकान से मंगवाने की शिकायत शिक्षा विभाग की जांच में सही पाये जाने पर शिक्षा निदेशलय की ओर से विद्यालय को विभागीय आदेशों की अवहेलना का दोषी माना गया। इसके लिए निदेशालय की ओर से विद्यालय से भविष्य में विभागीय आदेश-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए पाबन्द किया गया है।
देना होगा शपथ पत्र
विभागीय नियमों की अवहेलना होना पाए जाने पर निदेशालय की ओर से विद्यालय को पाठ्य पुस्तकों, स्कूल युनिफार्म, स्टेशनरी आदि की खरीद के लिए दुकान विशेष का दबाव नहीं बनाना तथा तीन वर्षो तक शुल्क वृद्धि नहीं किए जाने व प्रतिमाह अभिभावक -अध्यापक बैठक का आयोजन सुनिश्चित किए जाने शपथ पत्र मांगा गया है।
यह था मामला
मामला शहर के बांसवाड़ा रोड स्थित सेंट पॉल्स स्कूल से जुड़ा हुआ है। विद्यालय की ओर से शिक्षण शुल्क में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि की गई थी। इस अप्रत्याशित फीस वृद्धि को लेकर अभिभावकों के प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलक्टर को शिकायत की थी कि स्कूल में 13 से लेकर 20 फीसदी तक फीस बढ़ा दी गई है, जो कि नियमानुसार गलत है। इसी तरह स्कूल प्रबंधन ने पुस्तकों और स्टेशनरी के लिए दुकान विशेष निर्धारित कर रखी है। बच्चो को वहीं से खरीदने को बाध्य किया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलक्टर ने शिकायत की जांच जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक को सौंपी। विभाग ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की और जांच की थी। विभागीय जांच में शिकायत के सही होने की पुष्टि होने पर जांच दल की ओर से रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंपी गईथी।
जांच में ये अनियमितता पाई गई
जांच कमेटी ने स्कूल के करीब 50 बच्चों और 30 से अधिक अभिभावको और स्कूल प्रबंधन से बातचीत की। कमेटी ने माना कि करीब 80 प्रतिशत से अधिक अभिभावक स्कूल की प्रणाली से नाराज थे। स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को यूनिफार्म, किताबें और स्टेशनरी दुकान विशेष से ही खरीदने पर दबाव डाल रहा था, जबकि नियमानुसार यह गलत था। इसी प्रकार जांच के दौरान यह भी सामने आया कि स्कूल प्रबंधन ने 13.5 प्रतिशत तक वार्षिक फीस वृद्धि की है, जोकि गलत था। वास्तव में 10 प्रतिशत से ज्यादा फीस वसूली नहीं की जा सकती।जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में स्कूल प्रबंधन को दोषी माना।
…………….
निदेशालय ने दी है चेतावनी
सेेंट पॉल स्कूल के मामले में जांच पूरी होने पर निदेशालय की ओर से विद्यालय को चेतावनी जारी की गई है साथ ही विभागीय आदेशों की अवहेलना नहीं हो इसके लिए शपथ पत्र मांगा गया है।
डा. शांतिलाल शर्मा
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक)
प्रतापगढ़
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो