याचिका में कहा गया कि यह मार्ग अब कच्चे गारे की मिट्टी जैसा हो गया है। वर्तमान में बारिश आने से इस सम्पूर्ण मार्ग पर कीचड़ ही कीचड़ हो गया है। इससे रास्ते में फिसलन हो गई। वर्तमान में दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों का आवागमन करीब बंद ही हो गया है। बारिश के बाद उक्त मार्ग पर लगभग वाहन धंस जाते हैं या पलट जाते हैं। इस रोड पर 5-6 घंटे का आए दिन जाम लगने लगा है। जिससे आम नागरिकों के एवं वाहन मालिकों को आर्थिक रूप से तथा शारीरिक रूप से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीमारी की अवस्था में मरीज को प्रतापगढ़ लाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। कई छोटी मोटी सामाजिक समस्याओं से आम नागरिकों को जूझना पड़ रहा है तथा कई मर्तबा यात्री वाहन, जिनमें 40-50 यात्री होते हैं स्लीप हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में मार्ग पर वाहनों का संचालन करना मुश्किल हो गया है। प्राइवेट बस ऑनर एसोसिएशन ने जिला प्रशासन और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी दो बार ज्ञापन दिया, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं निकला। ऐसी स्थिति में वाहनों में टूट- फूट एवं रख-रखाव से आर्थिक नुकसान व दूरी तय करने में अधिक समय लगने से होने वाला ईंधन का नुकसान आदि का खमियाजा वाहन मालिकों को भुगतना पड़ रहा है। यदि सरकार ने इस मार्ग को बारिश में सही नहीं करवाया गया तो जानमाल के नुकसान की भी भरपूर संभावना है।