आखिर कहां है कार्यालय
प्रतापगढ़ जिला खेल अधिकारी का कार्यालय भूल भूलैया से कम नहीं है। यह कार्यालय नीमच नाका स्थित एक कॉलोनी में किराये के भवन में संचालित किया जा रहा है। कार्यालय ऐसी जगह स्थित है। जहां कोई भी शख्स आसानी ने नहीं पहुंच सके। एक ही भवन में खेल कार्यालय और एक सीए का कार्यालय चलता है। खेल कार्यालय में जाने के लिए सीए के कार्यालय से होकर जाना पड़ता है।
सरकार ही उदासीन है तो विभाग क्या करे
इस संबंध में जब खेल अधिकारी गिरधारीसिंह चौहान से जानकारी लेनी चाही तो वे बात को टाल मटोल कर कुछ भी कहने से बचते रहे। काफी जोर देने पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से विगत दो वर्षो में किसी भी प्रतियोगिता के लिए न तो कोई बजट ही मिला है और न ही कोई दिशा निर्देश मिले। महिला खेल , पाईका जैसी प्रतियोगिता को भी राज्य सरकार की ओर से बंद करा दिया गया है। जब सरकार ही उदासीन है तो विभाग क्या करें।
प्रतापगढ़ जिला खेल अधिकारी का कार्यालय भूल भूलैया से कम नहीं है। यह कार्यालय नीमच नाका स्थित एक कॉलोनी में किराये के भवन में संचालित किया जा रहा है। कार्यालय ऐसी जगह स्थित है। जहां कोई भी शख्स आसानी ने नहीं पहुंच सके। एक ही भवन में खेल कार्यालय और एक सीए का कार्यालय चलता है। खेल कार्यालय में जाने के लिए सीए के कार्यालय से होकर जाना पड़ता है।
सरकार ही उदासीन है तो विभाग क्या करे
इस संबंध में जब खेल अधिकारी गिरधारीसिंह चौहान से जानकारी लेनी चाही तो वे बात को टाल मटोल कर कुछ भी कहने से बचते रहे। काफी जोर देने पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से विगत दो वर्षो में किसी भी प्रतियोगिता के लिए न तो कोई बजट ही मिला है और न ही कोई दिशा निर्देश मिले। महिला खेल , पाईका जैसी प्रतियोगिता को भी राज्य सरकार की ओर से बंद करा दिया गया है। जब सरकार ही उदासीन है तो विभाग क्या करें।
२०१३ के बाद कोई खेल सामग्री नहीं मिली
वर्ष २०१३ में अंतिम बार खेल सामग्री का आवंटन किया गया था। उसके बाद से अब तक खेल विभाग की ओर से कोई खेल सामग्री आंवटित नहीं की गई है। विगत दो वर्षों से जिला एवं ब्लॉक स्तरीय खेल आयोजन नहीं कराए गए हैं। खेल विभाग की उदासीनता का फल खिलाड़ी भोग रहे हैं। महज कागजों में ही प्रतियोगिताएं हो रही है। खेल अधिकारी की उदासीनता ही है कि लाखों रुपए की लागत से निर्मित एथलेटिक्स ट्रेक जिम्मेदारी के अभाव में मापदण्ड अनुसार निर्मित नहीं हो रहा। इसको लेकर भी खेल अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
इन्दरमल मीणा, जिलाध्यक्ष शारीरिक शिक्षक संघ, प्रतापगढ़
वर्ष २०१३ में अंतिम बार खेल सामग्री का आवंटन किया गया था। उसके बाद से अब तक खेल विभाग की ओर से कोई खेल सामग्री आंवटित नहीं की गई है। विगत दो वर्षों से जिला एवं ब्लॉक स्तरीय खेल आयोजन नहीं कराए गए हैं। खेल विभाग की उदासीनता का फल खिलाड़ी भोग रहे हैं। महज कागजों में ही प्रतियोगिताएं हो रही है। खेल अधिकारी की उदासीनता ही है कि लाखों रुपए की लागत से निर्मित एथलेटिक्स ट्रेक जिम्मेदारी के अभाव में मापदण्ड अनुसार निर्मित नहीं हो रहा। इसको लेकर भी खेल अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
इन्दरमल मीणा, जिलाध्यक्ष शारीरिक शिक्षक संघ, प्रतापगढ़