गड्ढा खोदकर नष्ट किया जाएगा डोडा चूरा
लम्बे समय से पशोपेश में चल रहा डोडा चूरा नष्टीकरण का मामला अब साफ हो गया है। आबकारी विभाग की ओर से इस संबंध में जिले के लिए कार्यक्रम जारी किया गया है। जिसमें इस बार नष्टीकरण की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। इस बार डोडा चूरा का नष्टीकरण गड्ढा खोदकर किया जाएगा। इसके तहत डोडा चूरा को थ्रेशर में पीसकर सरकारी जमीन में बड़ा गड्ढा खोदकर डाला जाएगा,
गड्ढा खोदकर नष्ट किया जाएगा डोडा चूरा
जिले में डोडा चूरा नष्ट करने को लेकर कार्यक्रम जारी
13 नवंबर से शुरू होगी नष्टीकरण की प्रक्रिया
प्रतापगढ़
लम्बे समय से पशोपेश में चल रहा डोडा चूरा नष्टीकरण का मामला अब साफ हो गया है। आबकारी विभाग की ओर से इस संबंध में जिले के लिए कार्यक्रम जारी किया गया है। जिसमें इस बार नष्टीकरण की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। इस बार डोडा चूरा का नष्टीकरण गड्ढा खोदकर किया जाएगा। इसके तहत डोडा चूरा को थ्रेशर में पीसकर सरकारी जमीन में बड़ा गड्ढा खोदकर डाला जाएगा, जिसमें पानी और मिट्टी डालकर नष्ट किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार की ओर से मिले निर्देश के अनुसार विभाग ने काश्तकार द्वारा जितनी भी मात्रा में डोडा चूरा लाएगा, उसे कमेटी के समक्ष निर्धारित प्रारुप में घोषणा-पत्र लेकर नष्टीकरण किया जाएगा। हालांकि संदेहास्पद मामले में संबंधित किसान पर काश्तकारों पर नारकोटिक्स विभाग द्वारा अलग से नजर रखी जाएगी और आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि नष्टीकरण के लिए वित्त विभाग और सरकार की ओर से वर्ष 2015 में जारी 6 किलो प्रति आरी डोडा चूरा को लेकर ध्यान रखा जाएगा। विभाग की ओर से जिले में 13 नवंबर से यह प्रक्रिया शुरू होगी जो 11 दिसंबर तक चलाई जाएगी।
यह बनाई गई है टीम
डोडा चूरा नष्टीकरण के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जिसमें जिला आबकारी अधिकारी को नोडल बनाया गया है। कमेटी में आबकारी निरीक्षक, जिला प्रशासन के अधिकारी, नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक को शामिल किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से संबंधित क्षेत्र के उपखंड अधिकारी को नामित किया गया है।
किसानों के खर्चे पर होगा नष्टीकरण
गत वर्षों की तरह इस बार भी नष्टीकरण की प्रक्रिया किसानों के खर्चे पर होगी। जिसमें सरकारी भूमि का चिह्निकरण संबंधित उपखंड अधिकारी की ओर से किया जाएगा। डोडे को पीसने के लिए थ्रेसर, गड्ढा खोदने के लिए जेसीबी, पानी का टैंकर क्षेत्र के किसान उपलब्ध कराएंगे। गौरतलब है कि जिले में गत वर्ष 6 हजार 6 सौ 27 किसानों ने अफीम का उत्पादन किया था। इन किसानों का डोडा चूरा नष्ट किया जाएगा।
इस तरह बनाया कार्यक्रम
विभाग की ओर से जिले में अरनोद, प्रतापगढ़, छोटीसादड़ी इलाके में डोडा चूरा नष्ट करने का कार्यक्रम बनाया है। जिसमें दो टीमें बनाई गई है। एक टीम प्रतापगढ़, अरनोद में रहेगी। जबकि दूसरी टीम छोटीसादड़ी में रहेगी। अरनोद इलाके में 13 नवंबर से 20 नवंबर तक नष्टीकरण किया जाएगा। इसके बाद प्रतापगढ़ व पीपलखूंट के क्षेत्र के किसानों का 21 नवंबर से 10 दिसंबर तक नष्टीकरण किया जाएगा। छोटीसादड़ी क्षेत्र में 13 नवंबर से 11 दिसंबर तक दूसरी टीम कार्रवाई करेगी।
सम्पूर्ण कार्रवाई की होगी वीडियोग्राफी
नष्टीकरण की प्रक्रिया की पूरी तरह से वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इसके लिए दोनों टीमों को विभाग की ओर से निर्देश दिए गए है।
जिले में दो टीमें करेंगी डोडा नष्टीकरण
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जिले में डोडा चूरा नष्टीकरण की प्रक्रिया के लिए कार्यक्रम बनाया गया है। इसके तहत 13 नवंबर से छोटीसादड़ी और प्रतापगढ़-अरनोद में अलग-अलग टीमें इसे पूर्ण कराएगी। जिसमें चार सदस्यीय टीमों का गठन किया गया है। इस बार गड्ढा खोदकर डोडा चूरा नष्ट किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार व विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार नष्टीकरण किया जाएगा। संबंधित आबकारी निरीक्षकों को किसानों से इसकी व्यवस्था कराने के लिए निर्देश दिए गए है। जो गांवों में मुखिया से सम्पर्क कर रहे है।
सहदेवसिंह रतनू
जिला आबकारी अधिकारी, प्रतापगढ़
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