सूखले लगे डोडे, नहीं लगाया चीरा
प्रतापगढ़Published: Mar 06, 2021 08:00:42 am
प्रतापगढ़. जिले में अचानक हुई मौसम में बदलाव के कारण अफीम के डोडे सूखने लगे है। ऐसे में अफीम किसानों की चिंता बढ़ गई है। हालात यह है कि अफीम का दूध नहीं मिलने पर कई किसानों ने डोडों पर चीरा नहीं लगाया है। किसानों ने अफीम फसल उखड़वाने के लिए विभाग को प्रार्थना पत्र दिए है। वहीं दूसरी ओर फसल में इन दिनों बीमारियों ने भी सिर उठा लिया है। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़तीजा रही है।
सूखले लगे डोडे, नहीं लगाया चीरा
-अफीम की फसल में बीमारियों से किसान चिंतित
प्रतापगढ़. जिले में अचानक हुई मौसम में बदलाव के कारण अफीम के डोडे सूखने लगे है। ऐसे में अफीम किसानों की चिंता बढ़ गई है। हालात यह है कि अफीम का दूध नहीं मिलने पर कई किसानों ने डोडों पर चीरा नहीं लगाया है। किसानों ने अफीम फसल उखड़वाने के लिए विभाग को प्रार्थना पत्र दिए है। वहीं दूसरी ओर फसल में इन दिनों बीमारियों ने भी सिर उठा लिया है। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़तीजा रही है।
गौरतलब है कि जिलेक में अफीम की फसल लगभग पक कर तैयार हो चुकी है।अफीम किसानों के फसल में चीरा लगाना भी शुरु हो गया है। लेकिन ज्यो-ज्यो मौसम परिवर्तन होता जा रहा है, अफीम फसल में प्रकृति प्रकोप भी ज्यादा से ज्यादा ही बढ़ता जा रहा है। अफीम फसल में खांखरिया रोग फसल पीली पडऩे लगी है। डोडे सूखना, काली मस्सी और सफेद मस्सी की भी फसल में रोगों की भरमार हो गई है।
अवलेश्वर गांव के कृषक धनराज कुमावत ने बताया कि जिन किसानों ने अफीम फसल में चिरा लगा दिया है। उनके लिए अफीम की औसत उपज निकालना एक चुनौती पूर्ण हो गया है। साथ ही राज्य सरकार ने अफीम फसल को फसल बीमा से वंचित कर रखा है। वैसे तो अफीम की खेती भारत सरकार के अधीनस्थ आती है। केंद्र सरकार ने भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अफीम की खेती को वंचित कर रखा है। ऐसे में जिन किसानों की अफीम फसल संपूर्ण या आंशिक नष्ट करवाई जाती है तो उन किसानों के लिए विभागीय अधिकारी वित्त मंत्रालय भारत सरकार से मुआवजे की सिफारिश करके ही किसानों की फसल नष्ट करवाने का आदेश जारी किए जाए।
अफीम की फसल का समय पर हो निरीक्षण
प्रतापगढ़.
इस साल अफीम नीति एक महीना लेट बनी है। इस कारण बुवाई भी देरी से हुई है। ऐसे में फसल में कई प्रकार की बीमारियां पैदा हो गई है। ऐसे में विभाग के अधिकारियों और केन्द्रीय वित्त मंत्री से अफीम की फसल में समयय से निरीक्षण करने और किसानों को राहत प्रदान करने के लिए भारतीय अफीम किसान विकास समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनारायण झांझरिया ने केन्द्र के वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है। जिसमें बताया गया कि इन दिनों किसानों ने डोडों पर चीरा लगा दिया है। अफीम संग्रहण जारी है। लेकिन फसल में काली मस्सी, सफेद मस्सी समेत कई प्रकार की बीमारियां मौसम की प्रतिकूलता की वजह से होने लगी है। ऐसे ें किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में केन्द्रीय मंत्री से अफीम के खेतों का निरीक्षण करने की मांग की है। अधिकारियों को निरीक्षण करने का आदेश देने की मांग की है। समय रहते किसानों की फसल का निरीक्षण हो जाए तो किसानों की समस्याओं का समाधान हो सकता है। जबकि नारकोटिक्स के अधिकारी तो सिर्फ फसल नष्ट करने का आदेश देते हैं। लेकिन जिन किसानों ने चीरा लगा दिया है और बाद में उनकी फसल सूख गई है। उन किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में समय पर निरीक्षण करें और अफीम नीति में बदलाव की मांग उठाई है।