प्रतापगढ़

Education: कन्या उच्च शिक्षा के मामले में आज भी पिछले पायदान पर है यह जिला

आंदोलनों और आश्वासनों के बाद भी हमारे हाथ खाली

प्रतापगढ़Jul 13, 2019 / 11:27 am

Hitesh Upadhyay

Education: कन्या उच्च शिक्षा के मामले में आज भी पिछले पायदान पर है यह जिला

जिले में कन्या महाविद्यालय खोलने में दोनों सरकारें रही विफल, एकमात्र पीजी कॉलेज में बालिकाओं की संख्या ज्यादा
कॉलेज में जगह नहीं मिलने पर छोडऩी पड़ती है पढ़ाई
प्रतापगढ़. राजस्थान का 33 वां जिला प्रतापगढ़ आज भी कन्या उच्च शिक्षा के नाम पर आखरी पायदान पर है। राज्य सरकार की ओर से बालिका की उच्च शिक्षा के लिए कार्यो के तमाम दावों के बावजूद प्रतापगढ़ जिले में आज भी बालिकाओं को पढ़ाई छोडऩे पर मजबूर होना पड़ रहा है। जिले में लगातार कई वर्षों से चली आ रही कन्या महाविद्यालय की मांग को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारें जिले को कन्या महाविद्यालय देने में विफल साबित रही है। कन्या महाविद्यालय को लेकर दोनों ही सरकारों ने कई बार आश्वासन व घोषणा तक कर दी लेकिन कन्या महाविद्यालय नहीं मिल पाया है। जिले को बने करीब 11 वर्ष हो चुके है लेकिन अब तक बेटियों के लिए कोई भी सरकार उच्च शिक्षा के कोई खास प्रबंध नहीं कर पाई है।
नहीं जा पाती बाहर, छोडऩी पड़ती है पढ़ाई: कन्या महाविद्यालय नहीं होने से आदिवासी क्षेत्र की बालिकाओं को बेहतर और उच्च शिक्षा नहीं मिल पा रही है। आंकड़ों के अनुसार जिले में महज 16 फीसदी लड़कियां ही उच्च शिक्षा प्राप्त कर पाती है। बालिकाओं की शिक्षा की यह सच्चाई राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2015-16 की रिपोर्ट में सामने आई है। पिछले वर्षो में इसमें थोड़ा सा सुधार माना जा सकता है और निजी क्षेत्र में शिक्षा का ग्राफ जरूर बड़ा है। हर साल बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से स्कूटी, साइकिल और लेपटॉप बांटे जाते है। जिला मुख्यालय पर पीजी कॉलेज में भी हर वर्ष बालकों से ज्यादा बालिकाओं की संख्या ज्यादा रहती है। वर्ष 2017-18 में 2652 विद्यार्थियों में से 1672 छात्र, 1980 छात्राएं थी। पिछले वर्ष 2018-19 में 3759 विद्यार्थियों में से 1577 छात्र, 2182 छात्राएं थी। जिले में बालिकाओं की कम उम्र में शादी और घर के कामों की जिम्मेदारियां उन्हें उच्च शिक्षा से वंचित कर देती है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए छोटे गांवों और कस्बों में ऐसी कोई खास सुविधा नहीं होने से परिजनों को उच्च शिक्षा के लिए बेटियों को बाहर भेजना पड़ता है। ऐसे में अधिकतर परिजन बेटियों को गांव से बड़े शहरों में नहीं भेजते है। जिसके कारण उन्हे अपनी पढ़ाई छोडऩी पड़ती है। निजी कॉलेज और स्कूलों की वजह से पिछले एक साल में बालिका शिक्षा में कुछ सुधार जरुर है।
पूर्व शिक्षा मंत्री ने की थी घोषणा करने की बात: पीजी कॉलेज में वर्ष 2016-17 में शपथ ग्रहण समारोह में आई तत्कालीन भाजपा सरकार की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने सरकार के अगले बजट में जिले को कन्या महाविद्यालय की घोषणा करने की बात कही थी। अगला बजट आया तो कन्या महाविद्यालय नहीं मिलने पर भाजपा से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकताओं व विद्यार्थियों ने ही तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व किरण माहेश्वरी का पुतला दहन कर प्रदर्शन किया था। इनके अलावा भी जिले में विभिन्न छात्र संगठनों के साथ कई निजी संगठनों व लोगों की ओर से हर वर्ष कन्या महाविद्यालय की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन व ज्ञापन सौंपे जाते रहे हंै।
मुख्यमंत्री ने भी जगाई आस: पिछले दिनों प्रतापगढ़ आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों के दिलों में एक बार से जिले में कन्या महाविद्यालय की मांग को जिन्दा किया। गहलोत ने अपने भाषण में कहा था कि राज्य में कही भी अब कोई कॉलेज खोलने की बात होगी तो सबसे पहले प्रतापगढ़ जिले में कन्या महाविद्यालय खोला जाएगा। हालांकि गहलोत के पहले बजट में प्रतापगढ़ को कन्या महाविद्यालय नहीं मिला।
जल्द मिले कन्या महाविद्यालय
&जिले में कन्या महाविद्यालय की मांग लगातार की जा रही है। राज्य सरकार को अब इस जिले की और ध्यान देकर जल्द कन्या महाविद्यालय खोलना चाहिए। ताकि जिले की छात्राओं को इसका लाभ मिल सके। इसके लिए आगे आना होगा।
अंकुश लबाना, जिला संयोजक, एबीवीपी, प्रतापगढ़
सबसे पहले प्रतापगढ़ में खुलेगा कन्या महाविद्यालय
&राजस्थान में कही भी महाविद्यालय खोलने की घोषणा नहीं हुई है। हमे यकीन है कि अब जब भी प्रदेश में महाविद्यालयों के खोलने की घोषणा होगी तब सबसे पहले प्रतापगढ़ में कन्या महाविद्यालय खोलने की घोषणा की जाएगी।
रामलाल मीणा, विधायक प्रतापगढ़़
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