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प्रतापगढ़

काश! अधिकारी समय पर सुन लेते ग्रामीणों की बात तो नहीं होता ऐसा भयंकर हादसा

बिजली का तार गिरने से युवा किसान की मौतलाइनमैन सस्पेंड, कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ कार्रवाई

प्रतापगढ़Jun 08, 2019 / 12:32 pm

Ram Sharma

काश! अधिकारी समय पर सुन लेते ग्रामीणों की बात तो नहीं होता ऐसा भयंकर हादसा



छोटीसादड़ी. गागरोल पंचायत के गोठड़ा गांव में जिस युवा किसान की बिजली का तार गिरने से मौत हुई है, उसके पीछे विद्युत निगम के अधिकारियों की आपराधिक लापरवाही है। बिजली लाइन 1971 के बाद बदली ही नहीं गई थी। ग्रामीणों ने कुछ दिन पहले ही इसकी शिकायत विद्युत अधिकारियों से की थी। लेकिन अधिकारियों और कर्मचारारियों कानों पर जूं नहीं रैंगी और इतना बड़ा हादसा हो गया। इतना ही नहीं हादसे के दौरान भी अधिकारियेां ने लापरवाही दिखाई। सूचना देने के बावजूद एक घन्टे से अधिक समय तक भी प्रशासन का कोई प्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचा। इससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया। बाद में मौके पर पहुंचे पुलिस उपाधीक्षक और तहसीलदार को लोगो के आक्रोश का सामना करना
पड़ा। प्रशासन ने विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों को बुलाकर एक लाइनमैन को निलम्बित कर दिया गया, जबकि कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। ग्रामीणों को समझाबुझाकर शव का चिकित्सको से घटना स्थल पर ही पोस्टमार्टम करवाया गया।
हादसा शुक्रवार सुबह 7 बजे गागरोल ग्रामपंचायत के गोठड़ा गांव में हुआ। गांव का 28 वर्षीय किसान दशरथ पुत्र भूरालाल जणवा ट्रैक्टर से खेत की हंकाई कर रहा था। उसने दो तीन राउंड खेत में हंकाई के किए ही थे कि अचानक खेत के ऊपर गुजर रही 11केवी विद्युत लाइन का तार टै्रक्टर के ऊपर आ गिरा। पास ही काम कर रहे नरेगा श्रमिकों ने जब ट्रांसफार्मर पर फाल्ट की आवाज सुनकर बिजली बंद करने के लिए विद्युत कर्मी को फोन लगाया, लेकिन विद्युत कर्मी ने फोन नही उठाया। इस बीच दशरथ करंट से झुलसता रहा। उसने ट्रैक्टर से कूदने का प्रयास किया, लेकिन गियर में पैर फंस गए। इस बीच तार उसके हाथ के नीचे आ गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तार में करंट के चलते ट्रैक्टर में आग लग गई। इस दौरान तार में करंट आ रहा था। लोगों ने ट्रैक्टर पर मिट्टी डालकर आग बुझाई। इस बीच एक व्यक्ति बाइक लेकर जीएसएस पर गया। हादसे की सूचना देकर बिजली बंद करवाई। सूचना लगते ही गोठड़ा और गागरोल व बरेखन सहित आसपास के ग्रामीण वहां एकत्रित हो गए। सूचना प्रशासन को दी गई। लेकिन एक घण्टे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा। इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया।
सूचना पर भी नहीं बदली लाइन, हो गया हादसा: आक्रोशित लोगों का कहना था कि विद्युत निगम के अधिकारियों को कई दिनों पहले ही ढीले तारों के बारे में अवगत कराया था कि खेत से होकर गुजर रही विद्युत लाइन 1971 की है और यह कभी भी तार टूट सकते है । लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से यह हादसा हुआ है।
ट्रैक्टर पर मिट़्टी डालकर बुझाई आग
सुबह सवा 9 बजे पुलिस उपाधीक्षक विजयपाल सिंह संधू मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का जायजा लेकर आक्रोशित ग्रामीणों को समझाया। थोड़ी देर में तहसीलदार गणेशलाल पांचाल भी पहुंच गए। दोनों ही अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, बाद में पुलिस की मौजूदगी में विद्युत विभाग के अधिकारियों व प्रतापगढ़ से विभाग के अधिशाषी अधिकारी मुरली धर चौधरी को बुलाया गया। उन्होंने लाइन मैन को निलम्बित करने और कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश उच्च अधिकारियों से करने की बात कहने पर ही लोग शांत हुए।
डिस्कॉम की आपराधिक लापरवाही है
अचानक तार टूटकर गिरना विद्युत वितरण निगम की आपराधिक लापरवाही का उदाहरण है। पूरे जिले में बिजली लाइनों के तार ढीले पड़े हैं। कई जगह तो यह जमीन से कुछ फीट ऊपर ही है। बिजली के तार टूटने की घटनाएं आए दिन होती रहती है। समय पर तारों की खिंचाई और पुरानी लाइनें नहीं बदलने से यह हादसे हो रहे हैं। ऐसे मामलों को पत्रिका ने भी समय समय पर उठाया था। पत्रिका में 07 जून के अंक में ही इस मुद्दे से जुड़े समाचार प्रकाशित किया गया था। विद्युत निगम को ढीले तारों से होने वाले हादसों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाकर दोषी बिजली कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। साथ ही जिले में अभियान चलाकर ढीले तारों और पुरानी लाइनों को बदलना चाहिए।
विद्युत निगम में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते समय पर विद्युत लाइनों की मरम्मत नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ है। सरकार का विद्युत निगम पर नियंत्रण नहीं है। आने वाले समय में ऐसे और हादसे बढऩे की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। हम किसानों की ओर से मांग करते हैं इस घटना के दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए और मृतक के परिवार को मुआवजा व नौकरी दी जाए। हम किसान को न्याय दिलाने के लिए विभाग के विरुद्ध कोर्ट में जाएंगे।
सोहनलाल आंजना, किसान नेता,छोटीसादड़ी

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