अचानक तार टूटकर गिरना विद्युत वितरण निगम की आपराधिक लापरवाही का उदाहरण है। पूरे जिले में बिजली लाइनों के तार ढीले पड़े हैं। कई जगह तो यह जमीन से कुछ फीट ऊपर ही है। बिजली के तार टूटने की घटनाएं आए दिन होती रहती है। समय पर तारों की खिंचाई और पुरानी लाइनें नहीं बदलने से यह हादसे हो रहे हैं। ऐसे मामलों को पत्रिका ने भी समय समय पर उठाया था। पत्रिका में 07 जून के अंक में ही इस मुद्दे से जुड़े समाचार प्रकाशित किया गया था। विद्युत निगम को ढीले तारों से होने वाले हादसों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाकर दोषी बिजली कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। साथ ही जिले में अभियान चलाकर ढीले तारों और पुरानी लाइनों को बदलना चाहिए।
विद्युत निगम में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते समय पर विद्युत लाइनों की मरम्मत नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ है। सरकार का विद्युत निगम पर नियंत्रण नहीं है। आने वाले समय में ऐसे और हादसे बढऩे की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। हम किसानों की ओर से मांग करते हैं इस घटना के दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए और मृतक के परिवार को मुआवजा व नौकरी दी जाए। हम किसान को न्याय दिलाने के लिए विभाग के विरुद्ध कोर्ट में जाएंगे।
सोहनलाल आंजना, किसान नेता,छोटीसादड़ी
सोहनलाल आंजना, किसान नेता,छोटीसादड़ी