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इस वर्ष बारिश में फिर बढ़े अतिक्रमण, वन विभाग ने किया बेदखल

locationप्रतापगढ़Published: Oct 19, 2021 07:35:24 am

Submitted by:

Devishankar Suthar

प्रतापगढ़.जंगल में बारिश में गत वर्षों से अतिक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। इस वर्ष भी 45 स्थानों पर अतिक्रमण किए गए थे। जो वन विभाग की ओर से बेदखल किए गए। इसके साथ ही इन स्थानों पर पौधरोपण किया और वन सुरक्षा समिति को जिम्मा दिया गया। जंगल में हर वर्ष बारिश में होने वाले अतिक्रमण को देखते हुए वन विभाग ने इस वर्ष अभियान चलाया है।

इस वर्ष बारिश में फिर बढ़े अतिक्रमण, वन विभाग ने किया बेदखल

इस वर्ष बारिश में फिर बढ़े अतिक्रमण, वन विभाग ने किया बेदखल


–जिले में 45 स्थानों पर हुए अतिक्रमण को हटाया
-स्थानीय लोगों ने भी दिया साथ
प्रतापगढ़.
जंगल में बारिश में गत वर्षों से अतिक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। इस वर्ष भी 45 स्थानों पर अतिक्रमण किए गए थे। जो वन विभाग की ओर से बेदखल किए गए। इसके साथ ही इन स्थानों पर पौधरोपण किया और वन सुरक्षा समिति को जिम्मा दिया गया। जंगल में हर वर्ष बारिश में होने वाले अतिक्रमण को देखते हुए वन विभाग ने इस वर्ष अभियान चलाया है। जिसमें गत तीन माह में 45 स्थानों से अतिक्रमण हटाए गए है। प्रतापगढ़ के जंगल में बारिश के समय में वन क्षेत्र का दौरा किया गया। इस दौरान सामने आया कि वन मंडल अधीन क्षेत्रोंं में कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। इसके तहत विभाग की ओर से वन भूमि से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। इसके प्रथम चरण में वन – मंडल प्रतापगढ़ की सभी 6 रेंज में 3 महिनो में कुल 45 अतिक्रमण वन -क्षेत्र से हटाए गए। सबसे ज्यादा अतिक्रमण हटाने में देवगढ़ रेंज आगे रही। यहां कुल 14 अतिक्रमण वन -क्षेत्र से हटाए गए।
स्थानीय ग्रामीणों का रहा पूरा सहयोग
अतिक्रमण हटाने में सबसे ज्यादा परेशानी संबधिंत बीट/ वन क्षेत्र में जरूरत के हिसाब से कम स्टाफ की उपलब्धता होना है। इस बार उन वन संरक्षक की ओर से संसंाधनों ओर स्टाफ को विभिन्न क्षेेत्रों से बुलाया गया। संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित गश्त करवाई गई। अतिक्रमण हटाने के इस अभियान में खास बात ये रही कि इस बार ग्रामीणों और पड़ोस के लोगों ने वन विभाग का पूर्ण सहयोग किया। कोरोना काल में हुई ऑक्सीजन की किल्लत से जन – जागरण को ये संदेष स्पष्ट हो गया कि वृक्ष है तो हम है। जंगल और पेड़ -पौधो को बचाने के लिए सभी अपना सहयोग देने के लिए तैयार है। इस अभियान से ये स्पष्ट हो गया कि समाज कुछ असामाजिक तत्वो के आगे नहीं झुकेगा और वन – क्षेत्र को बचाने में हमेशा सराकारी तन्त्र के साथ कंधों से कंधा मिलाकर चलेगा। वन अधिकार अधिनियम के तहत पूर्व में वंचित लोगों को अधिकार दिलाने की राज्य सरकार की घोषणा को समाज विरोधी तत्वों द्वारा दूषित करना भारी पड़ेगा।
वर्षों से निवासरत लोगो को ही मिलेगा लाभ
वन अधिनियम कानून 13.12.2005 से पूर्व आदिवासी समाज के लोग जो सालो से उस भूमि पर रह रहे है। अपना भरण पोषण कर रहे, उनका अधिकार ही सुनिश्चित करता है। हाल ही में राज्य सरकार की घोषणा की उसी कानून के अनुरूप आदिवासी समाज के उन लोगो को एक मौका ओर उपलब्ध करवाती है। जो विभिन्न कारणो से पूर्व में अपने हक से वंचित रह गए थे। जबकि नए अतिक्रमण को वन विभाग की ओर से हटाया जाएगा।
—सुनील कुमार, उप वन संरक्षक, प्रतापगढ़
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