चाकू के निशान है
कमलेश डोसी के शरीर पर कई चोटों के निशान हैं। मुंह, गले, हाथ पर धारदार हथियार से चोटों के निशान हैं। वहीं दो दिन तक बदहवास होने के कारण अभी तक वे स्पष्ट नहीं बोल पा रहे है। बताया गया कि ट्रेन में लुटेरों ने मारपीट की, इसके बाद कुछ पदार्थ सुंघा दिया, जिससे वे बदहवास हो गए। ऐसे में उनकी मानसिक स्थिति भी बिगड़ गई। जिस कारण कहां जा रहे है, किस टे्रन में बैठ रहे है, इसका भी कुछ पता नहीं रहा और वे बेगलूरु पहुंच गए।
कमलेश डोसी के शरीर पर कई चोटों के निशान हैं। मुंह, गले, हाथ पर धारदार हथियार से चोटों के निशान हैं। वहीं दो दिन तक बदहवास होने के कारण अभी तक वे स्पष्ट नहीं बोल पा रहे है। बताया गया कि ट्रेन में लुटेरों ने मारपीट की, इसके बाद कुछ पदार्थ सुंघा दिया, जिससे वे बदहवास हो गए। ऐसे में उनकी मानसिक स्थिति भी बिगड़ गई। जिस कारण कहां जा रहे है, किस टे्रन में बैठ रहे है, इसका भी कुछ पता नहीं रहा और वे बेगलूरु पहुंच गए।
बेगलूरु में मिले थे बदहवास
मुम्बई से १७ मई रात को लापता प्रतापगढ़ नगर परिषद सभापति कमलेश डोसी सोमवार सुबह पांचवें दिन बेंगलूरु के यशवंतपुर स्टेशन पर बदहवास हालत में मिले थे। उनकी हालत देख कनार्टक राज्य पर्यटन विकास निगम के एजेंट बालाजी और प्रवासी राजस्थानी मार्बल व्यवसायी प्रदीप मानधाना मदद के लिए आगे आए। उन्होंने डोसी की प्रतापगढ़ में परिजनों से बात कराई। डोसी ने एक ही रट लगाई हुई थी कि उन्हें घर भिजवा दो। इसके बाद बेंगलूरु में निवासरत प्रतापगढ़ के लोग मौके पर पहुंचे। इसके बाद डोसी को विमान से अहमदाबाद भेजा गया।
मुम्बई से १७ मई रात को लापता प्रतापगढ़ नगर परिषद सभापति कमलेश डोसी सोमवार सुबह पांचवें दिन बेंगलूरु के यशवंतपुर स्टेशन पर बदहवास हालत में मिले थे। उनकी हालत देख कनार्टक राज्य पर्यटन विकास निगम के एजेंट बालाजी और प्रवासी राजस्थानी मार्बल व्यवसायी प्रदीप मानधाना मदद के लिए आगे आए। उन्होंने डोसी की प्रतापगढ़ में परिजनों से बात कराई। डोसी ने एक ही रट लगाई हुई थी कि उन्हें घर भिजवा दो। इसके बाद बेंगलूरु में निवासरत प्रतापगढ़ के लोग मौके पर पहुंचे। इसके बाद डोसी को विमान से अहमदाबाद भेजा गया।