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कांठल में पहले खरीफ हुई खराब, अब रबी में छाने लगे संकट के बादल

locationप्रतापगढ़Published: Jan 05, 2020 11:41:16 am

Submitted by:

Devishankar Suthar

प्रतापगढ़. कांठल में रबी की फसलों में मौसम की मार होने लगी है। कई स्थानों पर पाले की आशंका दिखाई देने लगी है। पहले ही किसान खरीफ की फसलों में खराबा होने से मायूस है।

कांठल में पहले खरीफ हुई खराब, अब रबी में छाने लगे संकट के बादल

कांठल में पहले खरीफ हुई खराब, अब रबी में छाने लगे संकट के बादल


तापमान में कमी से पाले की आशंका

प्रतापगढ़. कांठल में रबी की फसलों में मौसम की मार होने लगी है। कई स्थानों पर पाले की आशंका दिखाई देने लगी है। पहले ही किसान खरीफ की फसलों में खराबा होने से मायूस है। फसलों में कीटों का भी प्रकोप होने लगा है। ऐसे में फसलों में नुकसान को लेकर किसान चिंतित है। गौरतबल है कि इस वर्ष बारिश अधिक होने से पानी की पर्याप्तता को देखते हुए गत वर्ष की तुलना में अधिक क्षेत्र में फसलें बोई गई है। अभी फसलें लहलहा रही है। लेकिन गत दिनों से मौसम में हो रहे बदलाव के कारण कीटों का प्रकोप देखा जा रहा है। वहीं पाले की भी कई स्थानों पर झलक दिखने लगी है। इसके साथ ही शीतलहर से भी फसलों में प्रभाव हो रहा है।
गौरतलब है कि इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसल पहले ही खराब हो चुकी है। ऐसे में बारिश के कारण जमीन में नमी और जलस्रोतों के लबालब भरने के कारण किसानों को रबी की फसल से आस है। इससे बुवाई का रकबा भी गत वर्ष के मुकाबले बढ़ा है। लेकिन हाल ही में मौसम में हो रहे परिवर्तन के कारण फसल में खराबे का डर किसानों को सता रहा है। वहीं दूसरी ओर फसलों में बीमारियों ने भी सिर उठाना शुरू कर दिया है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को समय पर फसलों की देखभाल और सही मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी है।
इस तरह कर सकते है पाले से बचाव: खेत के किनारे धुआं करने से तापमान बढ़ता है, जिससे पाले से बचाव होता है। विभाग के सहायक निदेशक गोपालनाथ योगी ने बताया कि फसलों में गंधक के तेजाब का एक हजार लीटर पानी में मिलाकर छिडक़ाव करना चाहिए। जिससे पाले से फसलों का बचाव हो सकता है।
सिफारिश के अनुसार फसलों का करें बचाव
इन दिनों फसलों में कुछ बीमारियों आने लगी है। मौसम भी बदला हुआ है। ऐसे में किसानों को सावचेती बरतनी चाहिए। कीटों का प्रकोप दिखाई देने व पाले की आशंका पर कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए। वहीं किसानों को पाले की आशंका को देखते हुए सिफारिश के अनुसार दवा का छिडक़ाव करना चाहिए।पाले से बचाव के लिए किसानों को उपाय करने चाहिए।
मनोहर तुषावरा, उप निदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़
जिले में इस वर्ष बुवाई का आंकड़ा
फसल बुवाई
गेहूं 71030
मक्का(रबी) 745
जौ 1025
चना 26980
मसूर 1550
सरसों 3195
तारामीरा 345
असली 1225
मैथी 5375
इसबगोल 1970
लहसुन 9620
धनिया 380
अन्य 13760
कुल 137200
(आंकड़े हैक्टेयर में कृषि विभाग के अनुसार)

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