scriptघोंसला पसंद तो ही बनेगा जोड़ा | If you like the nest, only the couple will be made. | Patrika News

घोंसला पसंद तो ही बनेगा जोड़ा

locationप्रतापगढ़Published: Aug 03, 2021 07:23:44 am

Submitted by:

Devishankar Suthar

प्रतापगढ़. पशु.पक्षियों की दुनिया भी मनुष्यों की दुनिया से कम नहीं है। इसमें आपस में जोड़े बनाने की बात करें तो बया(विवर बर्ड) की दुनिया काद्बक्ती दिलचस्प होती है। इन दिनों मानसून के दौरा घोंसला बनाने और जोड़ा बनाते है। नर पक्षी का कलर भी इन दिनों बदलकर पीला हो जाता है। इससे नर की खूबसूरती भी बढ़़ जाती है। नर पक्षी ही घोंसला बनाता है।

घोंसला पसंद तो ही बनेगा जोड़ा

घोंसला पसंद तो ही बनेगा जोड़ा


-नर का रंग हुआ पीला..
.मानसून के दौरान बया पक्षी बना रहे हैं घोंसलें
प्रतापगढ़. पशु.पक्षियों की दुनिया भी मनुष्यों की दुनिया से कम नहीं है। इसमें आपस में जोड़े बनाने की बात करें तो बया(विवर बर्ड) की दुनिया काद्बक्ती दिलचस्प होती है। इन दिनों मानसून के दौरा घोंसला बनाने और जोड़ा बनाते है। नर पक्षी का कलर भी इन दिनों बदलकर पीला हो जाता है। इससे नर की खूबसूरती भी बढ़़ जाती है। नर पक्षी ही घोंसला बनाता है। जो आधा बनने के बाद मादा को पसंद होने पर उसी से जोड़ा भी बनाता है( इन दिनों जिले के कई स्थानों पर कंटिले पेड़ों की झूलती टहनियों पर घोंसले बना रहे है।
गौरतलब है बया पक्षी की राजस्थान में तीन प्रजातियां पाई जाती है।इसमें से प्रतापगढ़ में कॉमन बया प्रजाति पाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम प्लोसियश फिलिपिंस है। अमुमन यह पक्षी समूह में रहता है। मानसून में जोड़ा बनाने से पहले नर बया घोंसला बनाता है। आधा घोंसला बनने पर हेलमेट स्टेज होने के बाद मादा को घोंसला दिखाने के लिए बुलाता है। घोंसला पसंद आने के बाद ही अपना जोड़ा बनाने के लिए मादा सहमति देती है। मानसून में नर का कलर भी पीला हो जाता है। मादा को घोंसला पसंद हो, इसके लिए घोंसले में छोटे पीले फूल, पत्तियां आदि भी रखता है। घोंसला पसंद आने के बाद नर इस घोंसले को पूरा करता है। इसके बाद ही जोड़ा बनता है। अक्टूबर माह तक प्रजनन पूरा होने पर सभी अपने बच्चों को लेकर समूह के रूप में उड़ जाते है। जो अलगे वर्ष अन्यत्र पेड़ पर घोंसले बनाते है।
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कई पेड़ों पर बना रहे घोंसला
अरनोद. क्षेत्र में इन दिनों कई कंटियों पेड़ों पर बयां पक्षी घोंसला बना रहे है। नागदी गांव में खजूर के पेड़ों पर बयां पक्षी घोंसला बना रहे हैं। पर्यावरण प्रेमी राधेश्याम राठौर ने बताया कि खेत के पास खजूर की टहनियों पर बया पक्षी घोंसलें बनाने में व्यस्त है।
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पत्तों के रेशों से बनाता है घोंसला
पर्यावरणविद् देवेन्द्र मिस्त्री ने बताया कि बया अपना घोंसला रेशेदार पत्तों से बनाते है। इसमें खजूर, बांस और अन्य रेशे लेकर आते है और घोंसला बनाते है। अमुमन यह पक्षी फसलों के दाने खाता है। इसके साथ की कीट-पतंगों का भी भक्षण करता है। इससे बया पक्षी किसानों का दोस्त भी है।
संरक्षित श्रेणी का पक्षी
वन्यजीव अधिनियम १९७२ की अनुसूची चार में इसे संरक्षित किया गया है।इससे इस पक्षी को कैद में रखने, शिकार करने पर पाबंदी है। यह पक्षी किसानों का दोस्त भी है। इ स पक्षी मानसून के दौरान घोंसला औैर जोड़ा बनाने की प्रक्रिया चलती है। खेतों में कीट-पतंगों को भी खाती है। इससे किसानों को इनका संरक्षण करना चाहिए।
सुनीलकुमार
उपवन संरक्षक, प्रतापगढ़
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