आखिर जिम्मेदारी कौन लेगा?
भवन किसी भी महकमे का हो, जब सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से भवन को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है तो फिर ये अनदेखी क्यों? ये बात समझ से परे है। इससे जाहिर है कि जिम्मेदार अधिकारी व प्रशासन किसी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं। अन्यथा दो वर्ष की अवधि में जर्जर भवन को गिरा कर पुन: निर्माण किया जा चुका होता। संकल्प, समर्पण एवं इच्छा शक्ति हो तो सभी कार्य पूरे किए जा सकते हैं। भविष्य में कोई घटना घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सार्वजनिक निर्माण विभाग एक जिम्मेदार विभाग है। उसने अपना कर्तव्य पूरा किया अब प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है कि जर्जर भवन के साये से भविष्य में होनी वाली किसी अप्रिय घटना से लोगों सुरक्षा मुहैया करावें।
तरूणदास बैरागी,
समाजसेवी (योग शिक्षक)प्रतापगढ़
अक्सर गिरते रहते हैं पत्थर
विगत एक दशक से हम इस विद्यालय भवन को लेकर चिंतिंत है। वर्तमान पार्षद श्यामसुन्दर पालीवाल और मैंने कई बार मौखिक व लिखित जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है। बारिश के दिनों में अक्सर जर्जर भवन से पत्थर आदि गिरते रहते है। सार्वनिक निर्माण विभाग ने जब इसे असुरक्षित करार दिया है तो इसके पुनर्निमाण के लिए भी कार्रवाई करें। और आमजन को सुरक्षा प्रदान करावें। क्षेत्र के लोगों की शहर के प्रमुख बाजार में इसी गली से ही आवाजाही रहती है। जर्जर दीवार कभी भी हादसे का सबब बन सकती है।
रामेश्वर लाल टेलर
जिला महामंत्री
भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ, प्रतापगढ़
विगत एक दशक से हम इस विद्यालय भवन को लेकर चिंतिंत है। वर्तमान पार्षद श्यामसुन्दर पालीवाल और मैंने कई बार मौखिक व लिखित जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है। बारिश के दिनों में अक्सर जर्जर भवन से पत्थर आदि गिरते रहते है। सार्वनिक निर्माण विभाग ने जब इसे असुरक्षित करार दिया है तो इसके पुनर्निमाण के लिए भी कार्रवाई करें। और आमजन को सुरक्षा प्रदान करावें। क्षेत्र के लोगों की शहर के प्रमुख बाजार में इसी गली से ही आवाजाही रहती है। जर्जर दीवार कभी भी हादसे का सबब बन सकती है।
रामेश्वर लाल टेलर
जिला महामंत्री
भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ, प्रतापगढ़
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विडम्बना: भवन एक, स्कूल तीन जगह
राजकीय बालिका महल स्कूल जर्जर भवन के चलते तीन अलग-अलग जगहों पर संचालित किया जा रहा है। कक्षा एक से पांच तक की कक्षा महल स्कूल में संचालित हो रही है, कक्षा 6 से 8 नई आबादी स्थित सूरजपोल स्कूल भवन में तो 9 से 12 तक की कक्षा किला रोड स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में इसके चलते प्राचार्य को तीनों स्कूल के प्रबंध एवं देखरेख में काफी समय एवं श्रम भी बर्बाद हो रहा है। वहीं छात्राओं व अभिभावकों को भी आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। भवन अभाव में कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं सूरजपोल स्कूल में संचालित हो रही है। जिससे प्रबंधन को लेकर काफी परेशानी हो रही है। यदि जर्जर भवन का पुन: निर्माण हो जाए तो कक्षा 1 से 8 तक की सभी कक्षाएं एक ही विद्यालय में संचालित हो सकेगी।
विडम्बना: भवन एक, स्कूल तीन जगह
राजकीय बालिका महल स्कूल जर्जर भवन के चलते तीन अलग-अलग जगहों पर संचालित किया जा रहा है। कक्षा एक से पांच तक की कक्षा महल स्कूल में संचालित हो रही है, कक्षा 6 से 8 नई आबादी स्थित सूरजपोल स्कूल भवन में तो 9 से 12 तक की कक्षा किला रोड स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में इसके चलते प्राचार्य को तीनों स्कूल के प्रबंध एवं देखरेख में काफी समय एवं श्रम भी बर्बाद हो रहा है। वहीं छात्राओं व अभिभावकों को भी आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। भवन अभाव में कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं सूरजपोल स्कूल में संचालित हो रही है। जिससे प्रबंधन को लेकर काफी परेशानी हो रही है। यदि जर्जर भवन का पुन: निर्माण हो जाए तो कक्षा 1 से 8 तक की सभी कक्षाएं एक ही विद्यालय में संचालित हो सकेगी।