प्रतापगढ़। जिले में तेज बारिश का दौर सोमवार को भी जारी रहा। जिले भर में बारिश से नदी-नाले उफान पर रहे। वहीं सबसे बड़ा जाखम बांध 31 मीटर भरकर छलक गया है। वहीं कई खेतों में पानी भरा हुआ है। इससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। जिले के एमपी सीमा पर बने शिवना नदी पर एनिकट में नुकसान पहुंचा है। यहां एनिकट के ऊपरी भाग का डेढ़ फीट का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां पानी पूरे वेग से बह रहा है। सोमवार सुबह आठ बजे तक गत 24 घंटों में प्रतापगढ़, पीपलखूंट, अरनोद में पौने चार इंच बारिश हुई। सभी बांध लबालब हो गए हैं। यहां सोमवार को जाखम बांध भी छलक गया। फसलों में नुकसान का सर्वे कराने को लेकर किसानों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपे हैं।
क्षेत्र में दो दिनों तक चली लगातार बरसात के बाद प्रमुख नदियों करमोहि, सुखली सहित जलाशयों में पानी की आवक बढऩे लगी थी। आज बरसात का दौर थमने के बाद भी आवक जारी थी। इधर मुख्यालय से 27 किमी दूर प्रतापगढ़ जिले का 31 मीटर भराव क्षमता वाला Dakham Dam कभी भी छलकने के पहले से ही आसार बने हुए थे। बांध में दोपहर तक 30.96 मीटर जल स्तर दर्ज किया गया। बांध छलकने की संभावना को देखते हुए सुबह आला अधिकारियों ने अधिशासी अभियंता सीपी मेघवाल के साथ बांध का अवलोकन कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया, वहीं जिले के ग्रामीण भी बांध को देखने जाखम पर पहुंचना शुरू हो गए थे। उधर, भीलवाड़ा में भी बेड़च नदी के पुल पर पानी आ गया, जिससे बरूंदनी बडलियास मार्ग बाधित हो गया। मध्य रात्रि बाद से पुल पर करीब एक फीट पानी बह रहा है।
जाखम अधिशासी अभियंता सीपी मेघवाल ने बताया कि बांध जल संग्रहण क्षेत्र में अच्छी बरसात के चलते बांध छलक गया। आपको बता दें कि जाखम बांध से प्रतिवर्ष रबी फसलों के लिए नहरों के जरिए सिंचाई के लिए पानी मिलता है। ऐसे में बांध का पानी कास्तकारों के लिए काफी मददगार होता है। गौरतलब है कि जाखम बांध गत वर्ष के मुकाबले इस बार काफी लेट सितंबर के आखिरी सप्ताह में छलक रहा है।
प्रतापगढ़ में तेज बारिश का दौर रविवार को भी जारी रहा। इस दौरान प्रतापगढ़ मुख्यालय पर रविवार सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटों के दौरान चार इंच बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही कई नदी-नालों में उफान के चलते मार्ग अवरुद्ध हो गया। गांवों के पास नालों में उफान से गांवों में पानी बहकर निकला। जिले के जलाशय भी पूरे भर गए हैं। वहीं भंवरसेमला बांध के पांचों गेट खोल दिए गए हैं। बारिश का दौर दोपहर तक जारी रहा। इसके बाद शाम तक फुहारों और रिमझिम बारिश का दौर रुक-रुककर चलता रहा। बारिश के कारण कई खेतों में की हुई फसलों और पक चुकी फसलों में नुकसान की आशंका है। इससे किसानों में चिंता है।वहीं कई पुलियाओं पर पानी बहने से गांवों का सम्पर्क कटा हुआ है।
नदियों-बांधों में उफान
बांसवाड़ा के भूंगड़ा में बीते 24 घंटे में सर्वाधिक छह इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। कई नदी-नालों में उफान के चलते मार्ग अवरुद्ध हो गए। बांसवाड़ा के माही बांध का जलस्तर 43 सेंटीमीटर बढ़ा, वहीं प्रतापगढ़ के भंवरसेमला बांध के पांचों गेट खोलने पड़े। चित्तौडगढ़़ के गंभीरी बांध पर 10 इंच की चादर चल रही है।
बांसवाड़ा के भूंगड़ा में बीते 24 घंटे में सर्वाधिक छह इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। कई नदी-नालों में उफान के चलते मार्ग अवरुद्ध हो गए। बांसवाड़ा के माही बांध का जलस्तर 43 सेंटीमीटर बढ़ा, वहीं प्रतापगढ़ के भंवरसेमला बांध के पांचों गेट खोलने पड़े। चित्तौडगढ़़ के गंभीरी बांध पर 10 इंच की चादर चल रही है।