बस…इसमें महिलाओं को करते आगे
प्रतापगढ़.यूं तो आमतौर पर हर काम में पुरुष आगे रहते हैं। वे महिलाओं को कहीं भी अपने से आगे बढऩे का मौका नहीं देना चाहते लेकिन परिवार कल्याण के क्षेत्र में वे खुद पीछे रहकर महिलाओं को ही आगे रखते हैं। नसबंदी के मामले में जहां महिलाओं की तादात काफी ज्यादा है वहीं पुरुषों की तादात नाममात्र की है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के परिवार कल्याण के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। यह है स्थितिजनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार की ओर से चलाए जा रहे कार्यक्रम व योजनाओं के बाद भी महिलाओं की तुलना में पुरुषों की भागीदारी ना के बराबर है। आकड़ों के अनुसार नसबंदी कराने वाले पुरुष महज एक से दो फीसदी हैं। जबकि परिवार नियोजन में 98 फीसदी महिलाओं का हाथ है। महिला नसबंदी में कई बार सम्मानितपरिवार कल्याण के क्षेत्र में महिला नसबंदी के दम पर जिला तीन बार राज्य स्तर पर उल्लेखनीय प्रदर्शन कर सम्मानित हो चुका है। परिवार कल्याण के क्षेत्र में जिले को मिले नसबंदी के लक्ष्य से अधिक उपलब्धि हासिल कर जिले ने कई बार प्रदेशभर में वाह-वाही बटोरी। भ्रांतिया बनती कारणपुरुष नसबंदी कम होने के पीछे इसके साथ जुड़ी नसबंदी के बाद कमजोरी आने की भ्रांति सहित कई कारण जिम्मेदार हैं। लोगों को भ्रम है कि नसबंदी के बाद उनके अंदर कमजोरी आ जाएगी। ऐेसे में वे इससे कतराते हैं। यही कारण है कि वे नसबंदी के लिए महिलाओं को आगे कर देते हैं। नहीं आते शिविरों में भीचिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुरुष नसबंदी के लिए हर वर्ष मेगा शिविर सहित विभिन्न स्थानों पर कई शिविर लगाए जाते हैं। हालांकि इनमें नाममात्र के पुरुष ही नसबंदी के लिए पहुंचते हैं। आलम यह रहता है कि कई बार तो शिविर में एक भी व्यक्ति नहीं आता। ऐसे में चिकित्सकों को बिना कोई ऑपरेशन किए खाली हाथ लोटना पड़ता है।तीसरे बुधवार को पुरूष नसबंदीपुरूष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए हर माह के तीसरे बुधवार को पुरुष नसबंदी दिवस मनाया जाता है। साथ ही प्रोत्साहन राशि भी अधिक देते हैं। एक छोटे से चीरे वाली नो स्कैलपेल वेसेक्टोमी की प्रक्रिया में महज 5 मिनट ही लगते है। अब पुरूषों की भागीदारी निभाने की बारी पुरुषों में भ्रम और मिथ्या को तोडऩे के लिए चिकित्सा विभाग नेे 2019 में पुरूषों की अब है बारी परिवार नियोजन में भागीदारी को थीम बनाया गया है। जिस पर बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय सभागार में पुरूष नसबंदी पखवाड़ा कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर जिला स्तरीय बैठक हुई। बैठक में सीएमएओ डॉ. वी के जैन ने कहा कि इस बार अभियान दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। प्रथम चरण 21 से 27 नवम्बर मोबालाइजेशन सप्ताह एवं दूसरा चरण पुरूष नसबंदी सेवा सप्ताह 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर को होगा। जिसमें परिवार कल्याण के साधनों का इस्तेमाल को बढ़ावा देने, जनसंख्या नियंत्रण में जागरूकता एवं इसमें पुरूषों की भागीदारी को लेकर प्रचार-प्रसार अभियान चलेगा। वहीं कुशल चिकित्सकों की टीम के द्वारा पुरूष नसंबदी सिर्फ पांच मिनट की प्रक्रिया में ही किया जाएगा। इस अवसर जिला कार्यक्रम प्रबंधक सदाकत अहमद ने परिवार कल्याण के अनुसार साधनों को बढ़ावा देने की बात कहीं। डीएनओ राजकुमार शर्मा द्वारा परिवार नियोजन के साधनों को लेकर विभाग द्वारा डिमांड और सप्लाई सुनिश्चित करने की बात कहीं। परिवार कल्याण शाखा से शेर बादशाह खान ने परिवार कल्याण की अवधारणा को बताया। इस अवसर एडीएनओ डॉ. चंद्रपाल महावर, डॉ. वेद प्रकाश, डॉ उमेश मौर्य डॉ इमरान, डॉ दुर्गा प्रसाद, डॉ जिंतेंद्र, अर्बन डीपीएम योगेश शर्मा, जेएलओ जितेंद्र जोशी, के एएनएम और एलएचवी मौजूद थे।